पांडवेश्वर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कोयला, लोहा और बालू चोरी पर रोक लगाने के सख्त आदेश के बावजूद, दुर्गापुर फरीदपुर ब्लॉक के मदारबनी 6 नंबर कोलियरी के पास कोयले का बड़ा ढेर मिलने से हड़कंप मच गया है। यह ढेर मैगजीन हाउस से थोड़ी दूर खाली सुनसान जगह पर करीने से ढककर रखा गया था।
कोयला चोरी का अड्डा बनने की आशंका
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस इलाके में कोयला चोरी का सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है। बावजूद इसके पुलिस और ईसीएल की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ का इस पर ध्यान न देना कई सवाल खड़े करता है।
स्थानीय प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
लाउदोहा के फरीदपुर थाने की पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। भाजपा नेता रूपक पांजा ने आरोप लगाते हुए कहा, “थाने के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अपना मुंह बंद रखे हुए हैं। यह कोयला माफिया और पुलिस के बीच मिलीभगत का संकेत है।”
सीआईएसएफ की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
ईसीएल की संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सीआईएसएफ की चुप्पी पर भी स्थानीय लोग नाराज हैं। उन्होंने पूछा, “इतनी बड़ी मात्रा में कोयला यहां जमा हुआ, फिर भी सीआईएसएफ की नजर क्यों नहीं पड़ी?”
राजनीतिक गर्मी बढ़ी
इस मामले को लेकर स्थानीय राजनीति गर्म हो गई है। भाजपा ने इसे राज्य प्रशासन की नाकामी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उधर, तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि कोयला चोरी के इस मामले की गहराई से जांच हो और इसमें शामिल सभी दोषियों पर कार्रवाई की जाए।