![आसनसोल से तृणमूल-भाजपा उम्मीदवार के हो सकते है यह आखिरी चुनाव, इसलिए दोनों के लिए महत्वपूर्ण है कल का दिन 2 Yellow and Red Textured Cosplay Challenge Youtube Thumbnail 20240530 211505 0000](https://citytodaynews.com/wp-content/uploads/2024/06/Yellow-and-Red-Textured-Cosplay-Challenge-Youtube-Thumbnail_20240530_211505_0000-1024x576.png)
मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब सब की नज़रें 4 जून को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है। आसनसोल लोकसभा क्षेत्र का कौन बनेगा सांसद? किसकी जीत होगी और किसे पराजय का सामना करना पड़ेगा ? इसे लेकर अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। इन सबके बीच आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के चुनाव नतीजे इस बार काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। क्योंकि इस बार के चुनाव नतीजे तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण कर सकते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा और सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया में किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा और किसे निराश होना पड़ेगा ? यह 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित होने पर पता चल जाएगा। लेकिन इतना तय है कि शत्रुघ्न सिन्हा और सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया में जीत या हार जिसकी भी हो, इस बार का लोकसभा चुनाव उनके राजनीतिक करियर का आखिरी चुनाव साबित हो सकता है। यह बात इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की उम्र से आसानी से समझा जा सकता है। वंही इसबार आसनसोल से लड़ रहें ये दोनों वरिष्ठ जनप्रतिनिधि के साख भी दांव पर लगी है l इसबार दोनों में जो भी हारे तों उनकी राजनितिक भविष्य लगभग शेष हो जायेंगे l और जितने वाले की भी ये आखरी पारी मानी जा रही है l तों ऐसे में ये रिसल्ट दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है l
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शत्रुघ्न सिन्हा : शत्रुघ्न सिन्हा ने वर्ष 2022 में आसनसोल लोकसभा सीट के उपचुनाव में लगभग 3 लाख 3 हजार 209 वोटो के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। अब वे लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब होंगे या नहीं यह 4 जून को पता चलेगा। लेकिन उनकी उम्र पर नजर डाले तो पता चलता है कि अभी शत्रुघ्न सिन्हा की उम्र 77 वर्ष है और अगर वह चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो वर्ष 2029 में उनकी उम्र 81 वर्ष हो जाएगी। ऐसे में सवाल यह है कि क्या शत्रुघ्न सिन्हा 81 वर्ष की उम्र में फिर से चुनाव लड़ पाने की स्थिति में होंगे ? क्योंकि बढ़ती उम्र का असर उनके सेहत पर साफ नजर आता है। भीषण गर्मी का प्रभाव कहें या सेहत पर उम्र का असर, इस बार चुनाव प्रचार में भी उनकी बहुत ज्यादा सक्रियता नजर नहीं आई। लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में जनसंपर्क अभियान चलाने और लोगों के बीच जाकर प्रचार करने के बजाय शत्रुघ्न सिन्हा ने इंडोर मीटिंग पर ज्यादा जोर दिया था। आखिरी दौर में उन्होंने विभिन्न इलाकों में शाम ढलने पर रोड शो किया था। सवाल यह भी है कि क्या उस उम्र में तृणमूल कांग्रेस शत्रुघ्न सिन्हा को फिर से टिकट देगी। क्योंकि हाल के दिनों में देखा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर उम्रदराज नेताओं व युवा नेताओं में किसे ज्यादा महत्व दिया जाए इसपर काफी माथापच्ची हुई थी। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी हमेशा से ही पार्टी में नए एवं युवा चेहरों को आगे बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। यही वजह है कि अभिषेक बनर्जी इसबार दमदम लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल प्रत्याशी 76 वर्षीय सौगत राय और उत्तर कोलकाता लोकसभा क्षेत्र से 75 वर्षीय तृणमूल प्रत्याशी सुदीप बंदोपाध्याय के चुनाव प्रचार से दूर रहें। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह चुनाव शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक कैरियर का आखिरी चुनाव साबित होगा ?
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बात सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया की करें तों वर्ष 2014 में दार्जिलिंग और फिर वर्ष 2019 में बर्दवान- दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया सांसद निर्वाचित हुए थे। इसबार वे आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े हैं और जीत की हैट्रिक कर संसद पहुंचना चाहते हैं। बात उनकी उम्र की करें तो अभी उनकी उम्र 72 साल है और अगर वे चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो वर्ष 2029 में उनकी उम्र 77 वर्ष हो जाएगी। ऐसे में सवाल यह है कि क्या भाजपा फिर से उनपर दांव लगाएगी। क्योंकि ऐसा देखा गया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले भाजपा नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाला गया था। इस वजह से पूर्व गृहमंत्री एवं भाजपा के फायर ब्रांड नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं को टिकट नहीं मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी l उस वक्त 75 वर्ष से अधिक की उम्र वाले नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया था। ऐसे में यह चर्चा होना स्वाभाविक है कि अगर सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो वर्ष 2029 में पार्टी उन्हें मार्गदर्शक मंडल में शामिल करेगी या फिर उन्हें कोई और भूमिका दी जाएगी।