दुर्गापुर : आज 8 मार्च 2024 का दिन है जो देश और विदेश में खासा महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में मनाया जाता है। आज 8 मार्च को महिला दिवस के दिन ही महाशिवरात्रि भी है, बाबा भोलेनाथ की रात। इस लिए यह दिन अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शिव और शक्ति की पूजा ! एक ही दिन। यह संयोग 300 वर्ष बाद आया है। सर्च कर के देख सकते हैं। 8 मार्च को जहां एक ओर माहौल शिवमय रहेगा वहीं दूसरी ओर शक्ति यानी स्त्रीत्व के मान – सम्मान का दिवस होगा। मान्यता है कि शिव शक्ति से जुड़े हैं और शक्ति का मतलब नारी मानी जाती है l
महिला दिवस के अवसर पर सिटी टुडे न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट में हम बात करते हैं उद्यमी और समाज सेवी राधा भट्टड की। महिला उद्यमी राधा भट्टड ने भरी ऊँची उड़ान, दिखा रही है रास्ता। अपने बल बूते पर तय किया, गृहणी से लेकर उद्यमी तक का सफर l परिजनों का मिला पूरा सहयोग। कभी नारी को अबला कहा जाता था l लेकिन आज के इस दौर में नारी में काफी बदलाव आ गया है। वह अब अबला नहीं सबला हो गई है। अब नारी महज रसोई तक सिमटी नहीं है,न ही वह भोग्या है l अब वह ना केवल पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, बल्कि अब वह पुरुष से कहीं आगे निकल चुकी है। बताया जाता है कि राधा भट्टड का जन्म बीते तीस साल पहले मालदा में शहर के नामचीन उद्यमी भट्टड परिवार में हुआ था l इन बीते तीस सालों के अंदर उन्होंने अपनी तीन बेटियों के साथ साथ पूरे परिवार का ख़ास ख्याल रखा, लेकिन इन सब के बीच उन्हें कुछ अलग करने की चाह थी । जिसे लेकर उन्होंने अपने पति के साथ व्यापार में हाथ बंटाना शुरू किया । बीते वर्षों से पति के व्यापार में उन्होंने पूरा साथ दिया l कोरोना के दौरान अपने को अपडेटेड करते हुए तकनीकी शिक्षा हासिल की। साथ ही आठ महीने का बिज़नेस मास्टरी का कोर्स किया। जिसके बाद उन्होंने व्यापार को अपने कंधे पर ले लिया और अपने साथ कई महिलाओं को जोड़ रखा है l उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं l व्यापार के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी वे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं l शहर में होने वाले सामाजिक कार्यो में उनकी भागेदारी हमेशा अहम रही है l