कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को पुलिस को निर्देश दिया कि जो लोग जल आपूर्ति पाइपलाइन बिछाने के काम में बाधा डाल रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) को इस मामले की जांच करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि कुछ जगहों पर राज्य के लोक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग (PHE) विभाग द्वारा पाइपलाइन बिछाए जाने के बावजूद जल आपूर्ति सुचारू नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो जाने के बाद भी लोगों को पानी पहुंचाने में समस्या हो रही है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
बीजेपी पर निशाना: “परिश्रम हमारा, श्रेय उनका”
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जल आपूर्ति परियोजनाओं का लगभग 90% काम पूरा कर चुकी है, लेकिन चुनाव के दौरान बीजेपी इसका श्रेय केंद्र सरकार को देने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा,
“हम ज़मीन खरीदते हैं, परियोजना का 90% खर्चा उठाते हैं और रखरखाव का खर्च भी हम उठाते हैं। लेकिन चुनाव के समय बीजेपी दावा करती है कि यह सब कुछ केंद्र सरकार ने किया है। यह पूरी तरह से गलत है।”
जल आपूर्ति परियोजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों की कवरेज
ममता बनर्जी ने आगे बताया कि इस जल आपूर्ति परियोजना के तहत राज्य के 75% ग्रामीण इलाकों और 73% नगरपालिका क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
पाइपलाइन परियोजना के लिए विशाल बजट का ऐलान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस परियोजना पर अब तक ₹55,000 करोड़ खर्च किए हैं, और आगे ₹66,000 करोड़ खर्च कर 1.75 करोड़ और घरों तक जल पहुंचाया जाएगा।
प्रशासनिक हस्तक्षेप और सख्त निगरानी की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग पाइपलाइन परियोजना में बाधा डाल रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा,
“हम राज्य के हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर कोई इस काम में बाधा डालता है, तो उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।”