आसनसोल शिल्पांचल में नववर्ष 2025 का स्वागत भक्तिमय उत्साह और श्रद्धा के साथ हुआ। माँ घागर बूढ़ी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जहाँ सुबह से ही लोग पूजा-अर्चना कर माँ का आशीर्वाद लेने पहुँच गए। राजनेताओं से लेकर आम जनता तक, हर किसी ने सुख-समृद्धि और शांति के लिए माँ घागर बूढ़ी के चरणों में अपनी प्रार्थना रखी।
मंदिर में उमड़ा जनसैलाब:
मंदिर के पुरोहित संतोष चक्रवर्ती ने बताया कि भोर के 4 बजे से ही भक्त मंदिर में आने लगे। उन्होंने कहा, “माँ घागर बूढ़ी के दर्शन के लिए हर साल नववर्ष पर हजारों लोग आते हैं। इस बार भी भक्तों ने अपने परिवार और समाज की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।”
राजनेताओं और आम जनता की श्रद्धा:
मंदिर में स्थानीय विधायक सहित कई प्रमुख राजनेताओं ने भी हाजिरी लगाई। विधायक ने कहा, “माँ घागर बूढ़ी का आशीर्वाद हमारे क्षेत्र के विकास और हमारी संस्कृति का आधार है। उनकी कृपा से हम अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन कर सकते हैं।”
श्रद्धालु रिया मालाकार ने अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने माँ से अपने परिवार और समाज की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। नया साल सभी के लिए सुखद और मंगलमय हो।”
भक्तिमय माहौल और खास व्यवस्था:
पूरे मंदिर परिसर में भक्ति और उल्लास का वातावरण था। प्रसाद वितरण और भजन-कीर्तन ने इस उत्सव को और खास बना दिया। मंदिर समिति ने दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए थे, जिसमें अलग-अलग लाइनें और व्यवस्था का ध्यान रखा गया।
सुरक्षा इंतजाम:
स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस बल तैनात रहा, और सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी गई। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर समिति और प्रशासन ने मिलकर काम किया।
संस्कृति और आस्था का संगम:
माँ घागर बूढ़ी मंदिर में उमड़ा यह जनसैलाब आसनसोल की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध करता है। नववर्ष पर इस श्रद्धा और भक्ति के माहौल ने हर किसी के दिल में उम्मीद की नई किरण जगाई।