कोलकाता : ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शुक्रवार को ₹2,800 करोड़ के चिटफंड घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोलकाता से एक पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया। यह जोड़ी प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर बसुदेव बागची और उनके बेटे अभिक बागची हैं।
ईडी के अनुसार, प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की विशेष अदालत ने दोनों को 10 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
ईडी की छापेमारी और जब्ती
26 नवंबर 2024 को ईडी ने कोलकाता और मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और सबूत जुटाए गए। ईडी के अनुसार, बागची परिवार ने प्रयाग ग्रुप के माध्यम से लाखों निवेशकों से धोखाधड़ी कर उनकी कड़ी मेहनत की कमाई हड़प ली।
कैसे हुई घोटाले की साजिश?
ईडी का दावा है कि प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज ने ऊंचे मुनाफे का लालच देकर लोगों को निवेश के लिए उकसाया। लेकिन, निवेशकों से जमा की गई रकम का उपयोग गैरकानूनी संपत्तियां खरीदने और अन्य निजी लाभ के लिए किया गया।
न्यायालय का फैसला और ईडी का ऐक्शन
ईडी ने अदालत में बताया कि इस घोटाले की रकम का पता लगाने और इसमें शामिल अन्य लोगों की जांच के लिए समय चाहिए। अदालत ने पिता-पुत्र की 10 दिन की हिरासत मंजूर की है। ईडी ने यह भी संकेत दिया है कि जल्द ही घोटाले में शामिल अन्य संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।
यह घोटाला क्यों महत्वपूर्ण है?
प्रयाग ग्रुप का यह मामला सारदा और रोज वैली चिटफंड घोटालों की तरह बड़ा और जटिल है। ईडी और अन्य एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच कर रही हैं।