रानीगंज: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डॉ. बी.आर. आंबेडकर पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रानीगंज सहित विभिन्न स्थानों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। रानीगंज के तारबांग्ला मोड़ पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने एक विशाल रैली निकाली, अमित शाह का पुतला जलाया और उनके इस्तीफे की मांग की।
टीएमसी के नेता और जनता का तीखा प्रहार
रैली का नेतृत्व रानीगंज टाउन टीएमसी अध्यक्ष रूपेश यादव ने किया। इस प्रदर्शन में बोरो चेयरमैन मुज्जमिल साज़ादा, सदन कुमार सिंह, संदीप भालोटिया, अजय मंडल, आशीष घोष, नियाज अहमद, असरफ खान, गुड्डू खान और सागर मुखर्जी जैसे कई प्रमुख नेता भी शामिल थे। नेताओं ने अमित शाह की टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए इसे संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर का अपमान करार दिया।
अमित शाह पर तीखे आरोप
टीएमसी नेताओं ने कहा, “अमित शाह की टिप्पणी समाज में असंतोष और भेदभाव फैलाने की साजिश है। डॉ. आंबेडकर देश के संविधान निर्माता हैं, और उनकी छवि को धूमिल करने वाले किसी भी व्यक्ति को माफी मांगनी चाहिए। हम इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
सड़कों पर गूंजे नारे, मांग इस्तीफे की
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए अमित शाह से तत्काल माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की। टीएमसी नेताओं ने कहा कि भाजपा की मानसिकता लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। इस दौरान स्थानीय सामाजिक संगठनों और अन्य राजनीतिक दलों ने भी टीएमसी के इस विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया।
आगे की रणनीति
टीएमसी नेताओं ने संकेत दिया कि डॉ. आंबेडकर के सम्मान की रक्षा के लिए यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। आगामी दिनों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है।
राजनीतिक हलकों में गूंज
डॉ. आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। रानीगंज में टीएमसी का विरोध प्रदर्शन इस बात का संदेश है कि संविधान और इसके निर्माता के अपमान के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।