आसनसोल: स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी-बंगाली साप्ताहिक ‘इंडस्ट्रियल ऑर्गन’ के संपादक रतन चटर्जी (71) का मंगलवार को उनके आवास पर निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह अपने घर में कुर्सी पर बैठे थे, उसी दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन पत्रकारिता से कभी दूर नहीं हुए।
बीमारी के बावजूद पत्रकारिता में सक्रिय
रतन चटर्जी, जो आसनसोल के रूपोबंध इलाके के निवासी थे, अपनी बीमारी के बावजूद लगातार काम कर रहे थे। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से वह अपने अखबार के कार्यालय सप्ताह में केवल एक दिन ही आते थे। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई थी।
दुर्घटना से बिगड़ी थी सेहत
कुछ साल पहले बर्दवान में हुए एक सड़क हादसे के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई थी। इसके बावजूद उन्होंने पत्रकारिता को नहीं छोड़ा और समाज के मुद्दों को उजागर करते रहे।
परिवार और समाज में शोक
रतन चटर्जी के परिवार में उनकी दो विवाहित बेटियां हैं। उनके निधन से पत्रकारिता जगत के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। आसनसोल प्रेस क्लब और पश्चिम बंगाल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (WBUJ) में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पत्रकारिता में छोड़ी अमिट छाप
रतन चटर्जी ने अपने करियर में कई ऐसी खबरें लिखीं, जिन्होंने समाज और जनता पर गहरा प्रभाव डाला। उनके निधन से क्षेत्र के पत्रकार समुदाय में गहरा शोक है।