
आसनसोल से भाजपा ने पवन सिंह को प्रतियाशी बनाई थी l उनका नाम शनिवार को ही घोषणा किया था किन्तु रविवार पवन सिंह के सोशल मीडिया X हैंडल से ट्वीट आया जिसमे पवन सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व को प्रत्याशी बनाये जाने को लेकर धन्यवाद किया साथ ही ये भी लिखा हैं कि वो आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ना चाहते l

ऐसे सिटी टुडे न्यूज़ इसकी पुस्टि नहीं करता हैं l फिर भी यदि पवन सिंह ने ऐसा कहा हैं तो ये ख़बर से यँहा बी जे पी से टिकट पाने के उम्मीदवार लगाए हुए भाजपाइयों के लिए खुशी कि ख़बर हैं l अब फिर से लोगों को इंतजार करना पड़ेगा l सनद् रहे कि भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने भोजपुरी पावर स्टार गायक पवन सिंह को आसनसोल लोकसभा केंद्र से अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन सूत्रों की माने तो पवन सिंह ने आसनसोल लोकसभा केंद्र से लड़ने से इनकार कर दिया है।

आज सुबह केंद्रीय बैठक होने से पहले पवन सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन से जानकारी देते हुए कहा कि वे आसनसोल लोकसभा केंद्र से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि राजनाथ सिंह ने पवन सिंह को यह आश्वासन दिया कि आप आसनसोल से चुनाव लड़ीये। यदि आप हार जाते हैं तो आपको राज्यसभा से सांसद बना दिया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद भी पवन सिंह ने राज्यसभा से सांसद जाने से इनकार कर दिया और आसनसोल के अलावा बिहार या उत्तर प्रदेश के किसी सीट से लड़ने की मांग की है। इसकी जानकारी पवन सिंह ने खुद अपने एक्स हैंडल पर दिया है।

जिसमें उन्होंने कहा है कि वह आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होंने इसकी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को दे दी है। गौरतलब है कि पवन सिंह के अनुसार पवन सिंह की मां की इच्छा है कि वह संसद पहुंचे। इसलिए उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव की टिकट मांगी थी। लेकिन वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस बार उन्होंने पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट रूप से कह दिया था कि उन्हें टिकट दिया जाए नहीं तो वह निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आरा या बलिया सीट से टिकट मांगी थी। लेकिन भाजपा आरा से आरके सिंह को और बलिया से नीरज शेखर को लड़ाना चाहती है।इसलिए पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया गया। इस सीट से लड़ने के लिए पार्टी ने राजनाथ सिंह को पवन सिंह को मनाने का दायित्व दिया है। राजनाथ सिंह ने पवन सिंह को आसनसोल सीट से लड़ने के लिए पहले मना लिया था।

लेकिन सूत्रों के माने तो पवन सिंह ने अपनी एक सर्वे टीम 3 दिन पहले आसनसोल भेजी थी। सर्वे टीम ने जो रिपोर्ट दी है। उसमें पवन सिंह की जीत की संभावना कम बताई गई है। इसके बाद पवन सिंह ने आसनसोल सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। क्योंकि वह ऐसे सीट से लड़ना चाहते हैं। जहां से भी सुगमता पूर्वक जीत जाएं। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व में इस पर अभी अपना कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अब देखना है कि केंद्रीय नेतृत्व पवन सिंह को आसनसोल सीट लड़ने के लिए मना पा रही है या कोई दूसरा उम्मीदवार यहां से खड़ा होंगे। सनद् रहे की तीन चुनाव से यहां बाहरी उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं। आसनसोल सीट सेलिब्रिटी सीट हो गई है। इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई संस्थानों और चेंबर ऑफ कॉमर्स के तरफ से भी बार-बार सभी पार्टियों से अनुरोध किया गया है कि यहां पर भूमि पुत्र को टिकट दिया जाए। लेकिन बड़ी पार्टियाँ इन मांगों को अनदेखी कर रही है। लिहाजा इस बार जनता बाहरी उम्मीदवारों के पक्ष में खड़ा होती नहीं दिख रही है। यहां की मतदाताओं को भूमिपुत्र की मांग है। इस बात को शायद पवन सिंह पहले ही भांप गए ।

कारण है कि पवन सिंह का आसनसोल से कभी कोई संपर्क नहीं रहा है। गायकी के क्षेत्र में भी वह इस क्षेत्र में बहुत कम अपना परफॉर्मेंस दिए हैं। दूसरा उन्हें बांग्ला भाषा का कोई खास जानकारी नहीं है। तीसरा भाजपा का संगाठनिक ढांचा भी ज्यादा मजबूत नहीं है। क्योंकि उपचुनाव में भाजपा कई बूथ पर अपना एजेंट नहीं दे पाई थी। जबकि भाजपा के उम्मीदवार आसनसोल दक्षिण विधानसभा की विधायिका और भूमिपुत्री अग्निमित्र पाल थी।