कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) में चल रहे आंतरिक सत्ता संघर्ष के बीच, पार्टी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि पार्टी का अगला नेता कौन होगा, इसका निर्णय पार्टी करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि पार्टी का सामूहिक निर्णय होगा।
ममता का बयान: “मैं पार्टी नहीं, हम पार्टी हैं”
शुक्रवार को न्यूज18 बंगला को दिए इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा,
“मैं पार्टी नहीं हूं, हम पार्टी हैं। यह एक संयुक्त परिवार है, और निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा।”
उन्होंने पार्टी के भीतर उनके प्रभुत्व को लेकर चल रही अफवाहों को भी खारिज कर दिया।
ममता बनाम अभिषेक: आंतरिक संघर्ष पर मंथन
पार्टी के भीतर पुरानी पीढ़ी के नेताओं और नई पीढ़ी के नेतृत्व के बीच टकराव को लेकर विवाद गर्म है। जहां पुराने नेता ममता के प्रति निष्ठावान हैं, वहीं नई पीढ़ी के नेता, खासकर ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में, अधिक लोकप्रिय माने जा रहे हैं।
अभिषेक बनर्जी, जो पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव हैं, समर्थकों के बीच अपनी लोकप्रियता के चरम पर हैं।
“पार्टी अनुशासित है, यहां कोई एकाधिकार नहीं कर सकता”
ममता बनर्जी ने यह साफ कर दिया कि,
“तृणमूल कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है। यहां कोई एकाधिकार नहीं कर सकता।”
उन्होंने यह भी कहा,
“पार्टी यह तय करेगी कि जनता के लिए क्या सही है। हम मिलकर काम करते हैं, यह किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं है।”
“आज का नया कल का अनुभवी”
ममता ने कहा,
“पुरानी और नई पीढ़ी के सभी नेता महत्वपूर्ण हैं। आज का नया सदस्य कल पार्टी का अनुभवी नेता बनेगा।”
राजनीतिक सलाहकारों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा,
“कुछ सलाहकार घर बैठकर सर्वेक्षण करते हैं और बाद में उन्हें बदलते हैं। लेकिन वे वोटर नहीं ला सकते। यह काम बूथ कार्यकर्ता करते हैं, जो सीधे गांवों और लोगों के साथ काम करते हैं।”
INDIA ब्लॉक के नेतृत्व पर असंतोष
INDIA ब्लॉक के नेतृत्व पर नाराजगी जताते हुए ममता ने कहा,
“मैंने इस ब्लॉक का गठन किया था। अब जो लोग इसे चला रहे हैं, उन्हें काम संभालना होगा। अगर वे काम नहीं कर सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा,
“जरूरत पड़ी तो मैं विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व भी कर सकती हूं और मुख्यमंत्री का कार्यभार भी संभाल सकती हूं।”
पार्टी की एकता पर ममता का जोर
ममता बनर्जी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी को चलाने में अनुशासन बनाए रखने और पार्टी के भविष्य के नेतृत्व को तय करने में सामूहिक निर्णय ही अंतिम होगा। अभिषेक बनर्जी के संभावित नेतृत्व को लेकर पार्टी के भीतर अटकलें तेज हैं, लेकिन ममता का बयान पार्टी की एकता को उजागर करता है।