जामुड़िया, चुरुलिया: कवि काज़ी नजरुल इस्लाम की जन्मभूमि के तौर पर प्रसिद्ध चुरुलिया में कुछ साल पहले यात्रियों की सुविधा के लिए एक बस स्टैंड बनाया गया था। हालांकि, यह बस स्टैंड अब तक चालू नहीं हुआ है। इस देरी को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ रही है, और सवाल उठ रहा है कि आखिर यह बस स्टैंड अब तक शुरू क्यों नहीं हुआ?
बस स्टैंड: निर्माण पूरा, लेकिन उपयोगहीन
चुरुलिया ग्राम पंचायत के निरीक्षण में इस बस स्टैंड का निर्माण स्थानीय निवासियों और यात्रियों के बस यात्रा को आसान बनाने के लिए किया गया था। लेकिन निर्माण के बाद से ही यह स्टैंड बेकार पड़ा है। बस चालकों और यात्रियों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही और उचित योजना की कमी के कारण यह बस स्टैंड चालू नहीं हो पाया।
ग्राम पंचायत प्रमुख का बयान
इस मुद्दे पर चुरुलिया ग्राम पंचायत के प्रधान प्रदीप मुखर्जी ने कहा, “हमने बस स्टैंड को चालू करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन कुछ प्रशासनिक जटिलताओं के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका। हालांकि, हम जल्दी ही समस्याओं का समाधान कर इसे चालू करने का प्रयास कर रहे हैं।”
स्थानीय निवासियों में आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि काज़ी नजरुल जैसे महान कवि की स्मृतियों से जुड़े इस स्थान पर बना बस स्टैंड उपयोगहीन पड़ा हुआ है। अगर बस स्टैंड चालू हो जाए तो इससे स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी काफी फायदा होगा।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
क्षेत्रीय लोगों ने प्रशासन से जल्द कदम उठाने की अपील की है। उनका मानना है कि अगर बस स्टैंड चालू हो जाता है, तो क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी और काज़ी नजरुल की जन्मभूमि पर पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा।