कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि गंगासागर मेला महाकुंभ से भी बड़ा है, इसलिए केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय मेला का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए हजारों करोड़ रुपए देती है, लेकिन गंगासागर मेले के लिए पूरी व्यवस्था राज्य सरकार को ही करनी पड़ती है।
ममता बनर्जी ने आउट्राम घाट ट्रांजिट पॉइंट से गंगासागर मेले का उद्घाटन करते हुए कहा, “हम पिछले 10 वर्षों से इसे राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।”
गंगासागर मेला महाकुंभ से बड़ा कैसे?
सीएम ने बताया कि कुंभ मेले तक पहुंचना आसान है, क्योंकि वहां सड़क, रेल और हवाई यात्रा की सुविधा है, लेकिन गंगासागर जाने के लिए 130 किलोमीटर का सफर, नदी पार करना और फिर सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है।
“यात्रा की कठिनाई के दृष्टिकोण से देखें, तो गंगासागर मेला महाकुंभ से भी चुनौतीपूर्ण है,” ममता बनर्जी ने कहा।
उन्होंने बताया कि इस साल 32 जहाज और 100 मोटर बोट यात्रियों को नदी पार कराने के लिए लगाई गई हैं, जो दिन में 20 घंटे तक चलेंगी।
गंगासागर मेले के लिए बड़े इंतजाम
➡️ 9 से 17 जनवरी तक गंगासागर मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा।
➡️ 4,000 से 5,000 बसें पूरे देश से यात्रियों को लेकर आएंगी।
➡️ 550 बिस्तरों का अस्पताल, एयर एंबुलेंस, वॉटर एंबुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं तैयार।
➡️ NGO, प्रशासन और पुलिस मिलकर यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्था संभालेंगे।
➡️ हर बस में भाषा अनुवादक स्वयंसेवक तैनात रहेंगे ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
मुरीगंगा नदी पर पुल बनाने का ऐलान
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये के बजट के साथ मुरीगंगा नदी पर 5 किलोमीटर लंबा चार-लेन पुल बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, “हम 10 साल से केंद्र से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ, तो हमने खुद इस पर काम शुरू कर दिया।”
ममता बनर्जी का केंद्र पर निशाना
सीएम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गंगासागर मेले के लिए कोई मदद नहीं देती, जबकि कुंभ मेले के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। उन्होंने कहा, “हम अपने दम पर हर सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं, क्योंकि श्रद्धालु हमारे राज्य के मेहमान हैं।”