कुल्टी से सत्येंद्र यादव का रिपोर्ट, कुल्टी: सेल ग्रोथ वर्क्स और सेल राइट्स बंगाल वैगन इंडस्ट्रीज के मुख्य द्वार पर सोमवार को जॉइंट एक्शन फोरम के बैनर तले श्रमिकों ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। सुबह छह बजे से धरना जारी रहा, जिससे सरकारी कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों का अंदर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। इस हड़ताल के कारण उत्पादन पूरी तरह ठप रहा और माल से लदे वाहनों की लंबी कतार टाउनशिप क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बना रही।
बड़ी मांगों पर सख्त रुख, श्रमिक बोले– बढ़े वेतन और मिले सुरक्षा
सीटू के नेता बिनोद सिंह ने बताया कि केंद्रीय श्रमायुक्त के आदेश के बावजूद ठेका श्रमिकों का वेतन नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एएसपी और डीएसपी में दिए जाने वाले वेतन के बराबर भी यहां के श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा। ठेका श्रमिकों की नौकरियां सुरक्षित नहीं हैं। जैसे ही नया ठेकेदार आता है, पुराने श्रमिकों की छंटनी शुरू कर देता है, जिससे वे बेरोजगारी का सामना करते हैं।
INTUC के नेता इम्तियाज खान ने कहा कि ठेका श्रमिकों को केंद्रीय सरकार द्वारा घोषित वेतनमान और सुविधाओं की मांग करने पर ठेकेदार उन्हें काम से बैठा देने की धमकी देते हैं। शिकायतों पर प्रबंधन भी कोई कार्रवाई नहीं करता है, और श्रमिकों को श्रेणी के हिसाब से प्रमोशन भी नहीं दिया जाता, जिससे उनका शोषण होता है।
बीएमएस के नेता उत्पल घोष ने कहा कि कुल्टी के ठेका श्रमिकों के लिए बीडीए जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं, और केंद्र सरकार के सभी स्टील प्लांट्स में सबसे ज्यादा शोषण कुल्टी कारखाने में होता है। यदि कोई श्रमिक शिकायत करता है तो उसे झूठे आरोप लगाकर बाहर कर दिया जाता है।
धरने में बड़ी संख्या में ठेका मजदूर शामिल थे, जिन्होंने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।