आसनसोल, 25 नवंबर 2024: कोयला तस्करी मामले में सुनवाई के दौरान CBI कोर्ट ने विकास मिश्रा की वर्चुअल पेशी का आदेश दिया है। कोलकाता प्रेसिडेंसी जेल में बंद विकास को POCSO एक्ट के तहत दर्ज एक अन्य मामले के चलते अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं किया जा सका। इसके बजाय, अदालत ने सुनवाई को सुचारू बनाए रखने के लिए वर्चुअल पेशी का निर्णय लिया।
47 आरोपियों की अदालत में शारीरिक उपस्थिति
कोयला तस्करी मामले में विकास मिश्रा समेत 48 आरोपियों पर सुनवाई चल रही है। सोमवार को अदालत में 47 आरोपी शारीरिक रूप से उपस्थित हुए। इनमें प्रमुख नामों में अनूप माझी उर्फ लाला, जयदेव मंडल और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के पूर्व अधिकारी शामिल हैं।
POCSO मामले से उठे सवाल
विकास मिश्रा पर हाल ही में POCSO एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तारी हुई थी। आरोप है कि उन्होंने एक नाबालिग के साथ दुर्व्यवहार किया। इसके चलते उनकी गिरफ्तारी कोयला तस्करी केस की सुनवाई पर असर डाल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि POCSO एक्ट का मामला विकास मिश्रा के लिए बड़ी बाधा बन सकता है, जो पहले से ही CBI की जांच के दायरे में हैं।
कोयला तस्करी केस का 4 साल पुराना अध्याय
पश्चिम बंगाल के आसनसोल और शिल्पांचल क्षेत्र में कोयले के अवैध कारोबार को लेकर यह मामला CBI ने 4 साल पहले दर्ज किया था। इस मामले में स्थानीय राजनेताओं, कारोबारियों और अधिकारियों के नाम सामने आए थे।
हालांकि, इतने वर्षों के बाद भी आरोप तय करने की प्रक्रिया अधूरी है। CBI ने कहा है कि जल्द से जल्द चार्जशीट को फाइनल किया जाएगा।
सुनवाई के अहम बिंदु:
- विकास मिश्रा की वर्चुअल पेशी का असर अदालत की प्रक्रिया पर।
- POCSO एक्ट के मामले का कोयला तस्करी केस से जुड़ाव।
- अन्य 47 आरोपियों पर आरोप तय करने की समयसीमा।
भविष्य की प्रक्रिया पर नजरें
विकास मिश्रा की वर्चुअल पेशी के बाद अदालत का अगला कदम इस हाई-प्रोफाइल मामले में बेहद महत्वपूर्ण होगा। राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से संवेदनशील इस केस में पूरे देश की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।