आसनसोल नगर निगम के वार्ड नंबर 43, तलपुकुरिया जीटी रोड के पास आश्रम मोड़ पर अवैध रूप से बनाए गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पार्टी दफ्तर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रूप लेना शुरू कर दिया है। स्थानीय जनता का आरोप है कि इस दफ्तर का निर्माण अवैध तरीके से किया गया है, और उन्होंने नगर निगम के मेयर और जिला प्रशासन को लिखित शिकायत दी है।
जनता का विरोध और TMC के अंदर फूट
तृणमूल कांग्रेस के पूर्व माइनॉरिटी सेल के सचिव जावेद इकबाल ने भी इस अवैध निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि “आसनसोल नगर निगम जहां एक तरफ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के पार्टी के लोग अवैध रूप से पार्टी दफ्तर बना रहे हैं। यह आम जनता के लिए एक कानून और पार्टी के लोगों के लिए दूसरा कानून है।”
TMC के अपने ही नेता इस दफ्तर का विरोध कर रहे हैं, जिससे विपक्षी दलों को भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने का मौका मिल गया है। भाजपा की नेता और पूर्व पार्षद आशा शर्मा ने भी इस अवैध निर्माण की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “आसनसोल नगर निगम जहां अवैध कब्जों को हटा रहा है, वहीं खुद TMC अवैध तरीके से दफ्तर बना रही है। यह नगर निगम की दोहरी नीति का उदाहरण है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए।”
नगर निगम का जवाब और मेयर का बयान
जब इस मुद्दे पर आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय से सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि “नगर निगम के क्षेत्र में किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का हो। यदि यह TMC का पार्टी दफ्तर अवैध रूप से बनाया गया है, तो इसे भी जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा।”
हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं का सवाल है कि यह अवैध निर्माण कब हटाया जाएगा। क्या यह केवल बयानबाजी तक ही सीमित रहेगा, या फिर सच में कोई ठोस कार्रवाई होगी?