द आसनसोल क्लब लिमिटेड का मुद्दा बार बार सिर उठाने लगा है l अधिकांश सदस्य इस मुद्दे को लेकर व्यथित है l आसनसोल क्लब के वरिष्ठ सदस्यों में एक तथा पूर्व अध्यक्ष सुब्रतो घांटी उर्फ़ मिठू घांटी का कहना है पिछले कुछ दिनों में क्लब की सदस्यता देने के मामले में कोई नियम नहीं माना गया l क्लब के संविधान को ताक पर रख दिया गया l पहले यह स्थिति नहीं थी l उन्होंने कहा वे ज़ब क्लब के सदस्य बने थे तब लगभग 200 सदस्य हुआ करते थे l बाद के दिनों में बढ़कर 600 तक पंहुच गया l इसके साथ ही उस समय सदस्यता ग्रहण करने के लिए बहुत समान्य पैसा देना पड़ता था l इसके कारण क्लब में इतना फण्ड नहीं था कि विकास के लिए ज्यादा पैसा व्यय किया जा सके l बाद के दिनों में जैसे जैसे क्लब की सदस्यता ग्रहण करने के लिए अधिक पैसे लगने लगे, क्लब में भी अर्थ भंडार बढ़ने लगा l श्री घांटी ने कहा की पहले लोगों के सदस्यता के लिए दिये जाने वाले आवेदन पर वरिष्ठ सदस्य अनुरोध करते थे लेकिन सदस्यता तभी मिलता था ज़ब कोई वर्तमान सदस्य कि मौत हो या किसी ने सदस्यता छोड़ दी हो l यह भी स्थिति होती थी की यदि ज्यादा आवेदन पड़ा हो तो और कम जगह हो, सदस्यों की संख्या लेने में छूट ना हो और या दो ही सीट हो वैसे स्थिति में लॉटरी करना पड़ता था l लॉटरी में यदि पांच लोगों ने आवेदन दिया है तो उनमे जो दो लोगों का नाम आया उन्हें ही सदस्यता मिला करती थी l लेकिन पिछले कुछ दिनों में किसी तरह का कोई नियम नहीं माना गया l पहले नियम था कि कोई यदि आवेदन करता था सदस्यता के लिए तो दो वरिष्ठ सदस्य उसके प्रपोज़ल हुआ करते थे l वे उस व्यक्ति का नाम प्रपोज करते थे l उसके बाद ही उसपर विचार किया जाता था l लेकिन हाल के दिनों में बिना किसी विचार के लगातार कोई ढाई सौ से ज्यादा सदस्य बनाया गया l ना उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि देखी गई और ना ही दूसरे तरह के कोई जांच की गई l पहले सदस्यता के लिए आवेदन करने वाले के खिलाफ किसी भी सदस्य के विरोध करने पर उसे सदस्यता नहीं मिलती थी l लेकिन हाल के दिनों में किसी सदस्य से कुछ भी पूछने कि जरूरत ही नहीं पड़ी सभी को सदस्यता दे दी गई l वर्तमान में स्थिति यह है कि वरिष्ठ सदस्य क्लब में स्वंय या परिवार को लेकर जाने से कतराने लगे l क्योंकि वर्तमान में अनुशासनहीनता चरम पर है l अधिकांश वरिष्ठ सदस्य इस स्थिति से बचना चाहते है l श्री घांटी ने कहा अबतक क्लब के संविधान में नियम है कि कोई भी व्यक्ति क्लब के सदस्य के मेहमान महीने में दो बार से ज्यादा नहीं आ सकता है l यानी वर्ष में 24 दिन से ज्यादा एक व्यक्ति किसी का मेहमान बनकर क्लब नहीं आ सकता है l चाहे वो एक सदस्य के अलावा दूसरे सदस्य का भी मेहमान, महीने में दो बार से ज्यादा नहीं आ सकता है l लेकिन हाल के दिनों में इसे नहीं मना गया, मनमानी की गई, एक एक सदस्य के साथ बीस बीस मेहमान आ गये और येही नहीं अधिकांश समय में यह देखा गया कि मेहमान की नाम की एंट्री ही नहीं कि गई l क्लब के वरिष्ठ सदस्य इसलिए भी बहुत नाराज है कि क्लब के हॉल में एक दूसरे के साथ अभद्रता करना अब आम बात हो गई है l उन्होंने कहा 105 वर्ष पुराने इस क्लब में पुरानी परम्परा को वापस लाने कि जरुरत है l लेकिन यह तभी संभव है कि क्लब के अधिक से अधिक पूर्व अध्यक्ष क्लब में आये क्लब में अधिक से अधिक कार्यक्रम आयोजित किया जाये जिस कार्यक्रम में क्लब के सदस्य परिवार के साथ आये l इसके बाद ही सुधार होना संभव है l श्री घांटी का मानना है हालांकि इतना ख़राब माहौल कि सुधार में समय लगेगा l ये काफ़ी दिनों में धीरे धीरे यह स्थिति हुई है तो सुधार में भी समय लगेगा l उन्होंबे अनुरोध किया है कि पुराने जितने अध्यक्ष है वो क्लब में आये ताकि क्लब की स्थिति में सुधार लाने के लिए उनका अवदान हो l पहले जैसी स्थिति थी वैसी स्थिति क्लब के पुराने नये सभी सदस्यों के सहयोग के बिना संभव नहीं है l क्लब में जितना अधिक बार पुराने सदस्य आएंगे उतना क्लब का माहौल धीरे धीरे बेहतर होगा l श्री घांटी ने कहा क्लब का मतलब ही है टुगेदरनेस, लोग एकसाथ मिले उन्होने कहा कि वरिष्ठ सदस्य क्लब सदस्यता के लिए आवेदन फॉर्म पर अनुरोध करते थे l उन्होंने की कहा क्लब के सभी अध्यक्षों के अवदान को कम नहीं आँका जा सकता है l जैसे वि. एस. एटवाल अध्यक्ष रहते स्विमिंग पुल का निर्माण करवाया l जिसका उद्घाटन डॉ जी सी सेन ने किया था l और लोग क्लब की गरिमामय स्थिति से ख़ुश थे और उससे क्लब के अधिक से अधिक सदस्य क्लब आया करते थे l श्री घांटी ने उम्मीदवार जताई कि यदि सदस्यों का सहयोग रहेगा, पुराने अध्यक्ष सभी क्लब आएंगे और उनका सहयोग रहेगा तभी क्लब में पहले जैसा माहौल रहा सकेगा तथा क्लब संविधान का पालन तभी हो सकेगा l श्री घांटी ने कहा की वर्तमान समिति जो भी निर्णय लेगी उसका कार्यवन तो क्लब के कर्मचारी ही करेंगे l क्योंकि क्लब के पदाधिकारीयों के समिति के लिए ये संभव नहीं है की हर सदस्य के पीछे लगे रहें l इसलिए सुधीबतौर पर कब का मैनेजर ही इसका कार्यवन करेगा l क्लब के माहौल को सही करने की अधिक जिम्मेदारी क्लब के मैनेजर को ही जाती है l