प्रचार के अंतिम दिन बी जे पी के उम्मीदवार एस एस अहलुवालिया बाराबनी के दोमुहानी बाजार इलाके में अपने कर्मी समर्थकों के साथ चाय पे चर्चा किया l यँहा लोगों से मिले उनका हाल जाना और 13 को अपना कीमती वोट नरेन्द्र मोदी के समर्थन में भाजपा को देने की अपील की l यँहा पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा आशावादी हु या नहीं ये नहीं जानता, में मनुष्य को अपनाता हु, उनसे मिल रहा, उनकी अंतरात्मा की आवाज सुन रहा l यँहा की जनता का एक ही मांग था चुनाव में भूमिपुत्र चाहिए उच्च नेतृत्व ने मुझे भेजा है l यँहा का में भूमि पुत्र हु और माकपा की जहांनारा भूमि कन्या है l बाकि जनता निर्णय करेंगी उसे भूमिपुत्र चाहिए या बाहरी लोग l जनता को सांसद चुनना है जो उनकी बात सुने उसे संसद में उठाये या फिर अपने सांसद से डायलॉग सुनना है? बाकी लोकतंत्र में जनता जनार्दन होता है, आखरी फैसला उन्ही का होता है l
आप अपने बच्चों के इलाज के लिए अच्छा डॉक्टर खोजते है l पढ़ाने के लिए अच्छा शिक्षक खोजते है, फिर 5 साल अपने लिए जनप्रतिनिधि चुनना हो, तो किसी ऐसे वैसे के हाथ में देश को नहीं सौंप सकते l वंही अभिषेक बनर्जी द्वारा भाजपा पर पैसे देकर मतदाताओं को रिझाने के आरोप को सुनते ही उन्होंने कहा, “अभिषेक का जन्मदिन 1987 में हुआ और में पहली बार सांसद 1986 में बना, वो मेरे बारे में क्या बता सकते है l में सदा पहनता हु और पूरी तरह से सफ़ेद हु l उनके बारे में में कहने लगा, तो उनके कपडे सहित मुँह तक काला हो जायेगा l इसलिए मेरा मुँह ना खुलवाए l उनके पास मेरे पर ऊँगली उठाने के कोई कारण नहीं मिल रहा तो एक राग अलाप रहें कि उनके कार्य पर पार्टी को ही भरोसा नहीं, इसलिए अहलुवालिया को दार्जलिंग से दुर्गापुर और वंहा से यँहा भेज दिया l वो जानते नहीं पार्टी को भरोसा नहीं होता तो बैठा देते, ज्यादा भरोसा है इसलिए मुझे एक अच्छा कृषक समझ कर जंहा हारा सीट होता है, वंही फसल उगाने भेजते है और में वंहा कमल खिलकर ही लौटता हु l