दुर्गापुर : सुबह सात बजे, तृणमूल प्रत्याशी कीर्ति आज़ाद अपनी साइकिल पर सवार हुए और हाथ में मार्केट बैग लेकर दुर्गापुर स्टील टाउनशिप की सबसे अधिक आबादी वाले चंडीदास बाजार में फल और सब्जियां खरीदीं। वहीं, उन्हें देखकर बाजार आये स्टील टाउनशिप के लोग हैरान रह गये l 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक और वर्तमान में बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कीर्ति आज़ाद को इस तरह देखकर कई लोगों को आश्चर्य हुआ।
आलू, पटल, टमाटर, बैंगन खरीदते समय जब विक्रेताओं ने उनकी खरीदी हुई चीजों को प्लास्टिक की थैली में भरना चाहा तो उन्होंने विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ उन्होंने कहा, ”प्लास्टिक का उपयोग न करें।” कीर्ति आजाद के साथ बाजार में राज्य के पंचायत ग्रामीण विकास और सहकारिता विभाग के मंत्री प्रदीप मजूमदार और पांडवेश्वर के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती सहित सैकड़ों तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी थे। बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के दुर्गापुर में एक समय के धुरंधर बल्लेबाज ने इस तरह जनसंपर्क के जरिए प्रचार शुरू किया। बाजार में अनगिनत लोगों से बात करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या सामान की कीमत पहुंच के भीतर है ? तभी पत्रकारों से रूबरू होते हुए और कई सवालों का जवाब देते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर कीर्ति आजाद ने कहा, ‘एक बार नरेंद्र मोदी, अमित साह इस राज्य में आए थे और कहा था – अबकी बार दो सौ पार.’ लेकिन एक्शन में देखा गया कि वे शतक भी नहीं लगा सके। दरअसल, बंगाल के सुदूर इलाकों के सबसे गरीब लोग भी सोचते हैं कि ममता बनर्जी उनकी हैं। उन्हें ममता बनर्जी पर भरोसा है।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा में 42 से 42 सीटें मिलेंगी l युसूफ पठान को लेकर उन्होंने कहा कि वो बहुत अच्छा लड़का है l वह एक कुशल क्रिकेटर है l वह बहुत गरीब परिवार का बेटा है l मैं उससे कहूंगा कि सही रास्ते से काम करो l विपक्ष ने अभी तक इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है क्योंकि वे मेरी गेंदबाजी से डरते हैं। तीन बार के ये सांसद बेहद प्रसन्न मुद्रा में मार्केटिंग के अलावा जनसंपर्क करते नजर आए।
दूसरी ओर विधायक लखन घुरुई ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “जब नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस राज्य में आए, तो वे बाहरी हो गए और जब भागलपुर का निवासी दुर्गापुर से उम्मीदवार है, तो दीदी चुप क्यों हैं ? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता समझ गए हैं कि यह उम्मीदवार नहीं जीतेगा। इसलिए मैंने सुना है कि कई लोग इस उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार नहीं कर रहे हैं। कल शाम तक हमारे उम्मीदवार की घोषणा कर दी जायेगी l पिछले लोकसभा चुनाव में मेरे पास प्रचार के लिए केवल 15 दिन थे और मैंने अपना सब कुछ झोंक दिया। अब हमारे पास 55 दिन हैं। देश का सबसे बड़ा लोक उत्सव उमड़ पड़ा है। एक-दूसरे पर वार करने का खेल शुरू हो गया है, ऐसा माहौल अभी कई महीनों तक देश भर में देखने को मिलेगा l