आसनसोल: संयुक्त किसान मोर्चा और विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज आसनसोल में जोरदार विरोध प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रवीन्द्र भवन के पास बीएनआर मैदान में संपन्न हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मजदूरों और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रमुख मांगें उठाईं।
प्रदर्शन का कारण और मांगे
यह प्रदर्शन श्रम विरोधी श्रम संहिता को रद्द करने और श्रमिकों के हितों की रक्षा करने की मांग को लेकर किया गया। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- मजदूरों को 26,000 रुपये का न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए।
- मनरेगा के तहत मजदूरों को 200 दिन का काम और 600 रुपये दैनिक वेतन दिया जाए।
- राज्य और सार्वजनिक क्षेत्रों की रक्षा की जाए।
- संविदा और अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
- श्रम विरोधी कानूनों को रद्द किया जाए।
श्रमिकों और किसानों का संयुक्त आह्वान
संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने अपने संबोधन में सरकार पर मजदूर और किसान विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन नीतियों से न केवल मजदूर बल्कि किसानों की आजीविका भी खतरे में पड़ रही है।
प्रदर्शन में जनभागीदारी
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मजदूर, किसान, ट्रेड यूनियन नेता, और आम जनता ने हिस्सा लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान “मजदूर-किसान एकता जिंदाबाद” के नारों से आसनसोल गूंज उठा।
सरकार पर सवाल और चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं माना गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की अनदेखी का खामियाजा आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
भविष्य की रणनीति
संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों ने घोषणा की कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे और हर स्तर पर अपनी आवाज उठाएंगे।