
आसनसोल:
आसनसोल नगर निगम की ओर से शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शीलपांचाल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शहर में फैलते प्रदूषण के स्रोतों, उसके प्रभावों और समाधान की दिशा में चर्चा करना था।
सेमिनार के दौरान वायु, जल और ठोस कचरा यानी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने बताया कि किस तरह से ठोस कचरे का असंगठित निपटान, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और वाहनों की बढ़ती संख्या आसनसोल के पर्यावरण को तेजी से प्रदूषित कर रहे हैं।
धनबाद और दुर्गापुर से आए कई प्रोफेसर और रिसर्चरों ने अपने शोध के आंकड़ों और अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि आसनसोल में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है, जो विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
कार्यक्रम में आसनसोल जिला अस्पताल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसका एक बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। उन्होंने सॉलिड वेस्ट के वैज्ञानिक तरीके से निपटान और जन-जागरूकता पर बल दिया।
सेमिनार में यह निष्कर्ष निकाला गया कि नगर निगम को जनसहभागिता के साथ मिलकर सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।