👉 विधानसभा चुनाव का मेन सेंटर बन जाएगा मुर्शिदाबाद? गरमाई सियासत
👉 6 दिसंबर की डेट घोषित होते ही भाजपा ने भी राम मंदिर बनाने का किया ऐलान
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर कराया जा रहा है। इन सभी को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने बड़ा ऐलान किया है। विधायक ने नई बाबरी मस्जिद बनाने का दावा किया है। उनका कहना है कि मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखी जाएगी। टीएमसी विधायक के इस बयान पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। टीएमसी विधायक के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे टीएमसी की तुष्टिकरण और धर्म की राजनीति करार दिया।
बता दें कि इसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी कोलकाता में एक सभा को संबोधित करेंगे। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था। विधायक के इस कदम को मुस्लिम वोटों को ध्रुवीकरण माना जा रहा है। TMC विधायक ने कहा कि मस्जिद को पूरा होने में तीन साल लगेंगे। पिछले साल, 12 दिसंबर को, मैंने यहां यह वादा किया था। समारोह में लगभग दो लाख लोगों के आने की उम्मीद है, जिसमें मंच पर 400 जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहेंगी।
भरतपुर विधानसभा सीट से TMC विधायक ने कहा कि वह 6 दिसंबर को कोलकाता में TMC के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि वह शिलान्यास समारोह में व्यस्त रहेंगे। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेता मौजूद रहेंगे। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से भी कई लोग आएंगे। TMC विधायक का कहना है कि मस्जिद के नींव रखने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसे लेकर स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

इधर, पश्चिम बंगाल भाजपा ने टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के विरोध में बहरमपुर में राम मंदिर बनाने का ऐलान किया है। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि ‘अगर कहीं बाबरी मस्जिद बनती है, तो हम वहां मंदिर बनाकर रामलला को वापस लाएंगे। उन्होंने पूछा कि यहां बाबरी मस्जिद क्यों होनी चाहिए? बाबर एक लुटेरा था और उसके नाम पर कुछ भी बनाना अस्वीकार्य है।’
भाजपा ने टीएमसी पर तुष्टिकरण और धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि कोई भी मंदिर-मस्जिद का निर्माण करा सकता है, लेकिन टीएमसी धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। 6 दिसंबर की तारीख चुनने के पीछे की मंशा साफ है, लेकिन सवाल ये है कि टीएमसी ने अब तक अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया?
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ‘कोई भी मस्जिद बना सकता है, लेकिन इसकी सही जगह होनी चाहिए। कोई अपने धर्म का पालन करता है तो हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जो मस्जिद का राजनीतिकरण कर रहे हैं, वे मुस्लिम धर्म का अपमान कर रहे हैं। अगर सभी भारतीय मुस्लिम मिलकर एक मस्जिद बनाते हैं तो उसमें किसी को कोई परेशानी नहीं है।’
वहीं, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर कहा कि ‘हम इसे लेकर पूरी तरह से स्पष्ट हैं। हम रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, महिलाएं, किसानों और मजदूरों के साथ समावेशिता और समानता की बात करते हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा से संविधान की बात करती है और चुनाव भी इन्हीं मुद्दों पर लड़ा जाए।’
कांग्रेस नेता उदित राज ने टीएमसी विधायक के बयान पर कहा कि ‘अगर मंदिर की नींव रखी जा सकती है तो मस्जिद की नींव रखने में क्या दिक्कत है? जो इसका विरोध कर रहे हैं, वे इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं। इस देश में सभी को धार्मिक आजादी हासिल है, जैसे अन्य देशों में है।’
एसआईआर को लेकर पहले ही गरम है बंगाल की राजनीति
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर पहले से ही राजनीति गरमाई हुई है। राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने साल 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में चल रहे पुनरीक्षण को अदृश्य धांधली करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे एसआईआर के दौरान पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से एक भी सही मतदाता का नाम हटाया गया तो नरेंद्र मोदी सरकार का गिरना तय हो जाएगा। ऐसे में अब बाबरी मस्जिद को लेकर उठे इस मुद्दे का भी बंगाल चुनाव पर असर पड़ सकता है।












