रिपोर्ट : दिलीप सिंह, दुर्गापुर
पश्चिम बंगाल लघु बचत एजेंट संघ का छठवां सम्मेलन रविवार को दुर्गापुर शहर के सिटी सेंटर स्थित एक निजी होटल में धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर भाजपा विधायक लखन घरुई, संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी गोरी शंकर मुखर्जी, अशोक बनर्जी, सुशांत तो साधु, निर्मल दास, मीणा देवनाथ, अमल देव समेत विभिन्न राज्यों से आए एजेंट बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सम्मेलन में संगठन की ओर से कई गंभीर मुद्दों को सरकार के सामने रखा गया। निर्मल दास ने कहा कि संगठन मुख्य रूप से साधारण लोगों और खेतिहर मजदूरों के बीच काम करता है, जिससे केंद्र और राज्य सरकार की आर्थिक नीति एवं बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलती है। लेकिन विडंबना यह है कि पिछले 13-14 सालों से एजेंट सरकार से परिचय पत्र की मांग कर रहे हैं, जो अब तक पूरी नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि 30-40 वर्षों से काम करने के बावजूद एजेंटों को आज तक चिकित्सा सेवा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। इसके विपरीत, विदेश में रह रहे लोगों के लिए राज्य सरकार ने ‘बंगाल अपना कार्ड’ बना दिया है, लेकिन जिन एजेंटों ने जिंदगी भर जनता और डाकघर के लिए काम किया, उन्हें लगातार अनदेखा किया जा रहा है।
सम्मेलन में यह भी सामने आया कि सरकार की उदासीनता और भरोसे की कमी के कारण लोग डाकघर में पैसा जमा करने से कतराने लगे हैं और अब वे म्यूचुअल फंड और अन्य निजी योजनाओं की ओर रुख कर रहे हैं।
एजेंटों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। सम्मेलन के अंत में सभी पदाधिकारियों और एजेंटों ने एक स्वर में सरकार से अपील की कि उनकी मांगों को गंभीरता से सुना जाए और जल्द से जल्द सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।