कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव नजदीक आने के साथ ही जनता को अपने पाले में करने के लिए तमाम प्रयास शुरू हो चुके हैं। इस बीच निर्वाचन आयोग भी अपनी तैयारियों में जुट चुका है। बिहार के बाद अब बंगाल में भी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार में SIR सफल रही, अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
बिहार चुनाव के ठीक बाद बंगाल में चुनाव संबंधित प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी, ऐसे में निर्वाचन आयोग अभी से ही कमर कस कर मैदान में उतर चुका है। इसी कड़ी में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की एक विशेष टीम मंगलवार रात कोलकाता पहुँची।
CEO दफ्तर में दक्षिण बंगाल के तमाम DM संग VC
बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय में आयोजित बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल, राज्य के प्रभारी उपायुक्त ज्ञानेश भारती, आयोग की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा की महानिदेशक सीमा खन्ना, सचिव एस.बी. जोशी तथा उप सचिव अभिनव अग्रवाल उपस्थित रहे। बैठक के दौरान टीम ने उत्तर बंगाल को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। सभी जिलाधिकारियों (DM) से तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली गई और मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य की प्रगति पर चर्चा हुई।
इन क्षेत्रों का दौरा करेगी विशेष टीम
आयोग के अधिकारी राजारहाट-गोपालपुर और राजारहाट-न्यूटाउन क्षेत्रों को लेकर अलग से बैठक करेंगे। यह बैठक राजारहाट के जिला परिषद ऑडिटोरियम में होगी, जहाँ अधिकारियों के अलावा बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) से भी बात की जाएगी। टीम इसके बाद बारानगर में जिलाधिकारी कार्यालय जाएगी, जहाँ उत्तर 24 परगना जिले की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। यह बड़ा जिला होने के कारण, यहाँ की तैयारी पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
चार जिलों पर आयोग की विशेष नजर
उत्तर 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, बाँकुड़ा और झाड़ग्राम जिलों की तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गुरुवार को कोलाघाट ऑडिटोरियम में इन जिलों से संबंधित अधिकारियों के साथ विशेष बैठक आयोजित की जाएगी।
भाजपा ने BLO नियुक्ति पर उठाया है सवाल
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने पूर्व में झाड़ग्राम और बाँकुड़ा जिलों में गैर-सरकारी कर्मियों को बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के रूप में नियुक्त किए जाने का आरोप लगाया था। SIR प्रक्रिया की शुरुआत के साथ ही पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी हैं।












