जमुरिया: पश्चिम बंगाल के जमुरिया में कुनुस्तोरिया क्षेत्र के एक परित्यक्त अवैध कोयला खदान में गिरने वाले 38 वर्षीय रवींद्र राय की तलाश जारी है। प्रशासन और रेस्क्यू टीम की नाकामी के बाद अब ग्रामीणों ने खुद खदान में उतरकर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी तरह विफल
शुक्रवार को रवींद्र राय के खदान में गिरने के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। दमकल विभाग, पुलिस और प्रशासन के संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण पूरी तरह असफल रहा। खदान की गहराई (लगभग 120 फीट) और जहरीली गैस के कारण बचाव दल के लिए ऑपरेशन बेहद कठिन हो गया।
ग्रामीणों ने खुद संभाली कमान
सरकारी मदद की असफलता के बाद स्थानीय लोगों ने खुद जोखिम उठाने का फैसला किया। बिना किसी आधुनिक उपकरण या सुरक्षा गियर के, ग्रामीण खदान के अंदर उतरकर लापता व्यक्ति को खोजने में जुट गए हैं। यह प्रयास बेहद खतरनाक है, लेकिन अपनों को बचाने की जिद में लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
प्रशासन पर फूटा गुस्सा
स्थानीय लोगों और नेताओं ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। वार्ड 37 के पार्षद और तृणमूल नेता रूपेश यादव ने ईसीएल प्रशासन से सवाल किया कि यह खदान अब तक क्यों नहीं भरी गई थी। उन्होंने कहा, “अगर इस अवैध खदान को पहले ही बंद कर दिया गया होता, तो आज यह हादसा नहीं होता।”
खदान में जहरीली गैस और नए खतरे
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय से बंद पड़ी इस खदान में जहरीली गैस भरी हो सकती है, जो बचाव कार्य को और मुश्किल बना सकती है। ग्रामीणों को यह भी अंदेशा है कि खदान के अंदर और भी छिपे हुए गड्ढे हो सकते हैं, जिससे नए हादसे का खतरा बढ़ गया है।
जनाक्रोश और भविष्य की मांग
घटनास्थल पर हजारों लोग इकट्ठा हो चुके हैं, जो हर पल की जानकारी लेने के लिए बेचैन हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी अवैध खदानों को जल्द से जल्द बंद किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
हादसे से दहशत में पूरा इलाका
इस हादसे ने पूरे जमुरिया क्षेत्र में दहशत फैला दी है। इलाके में पहले भी अवैध खनन के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।