सैलाइन कांड के बाद दवा संकट! पश्चिम बंगाल में 14 दवाइयों पर बैन

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पश्चिम बंगाल में दवाइयों पर बड़ा एक्शन!
पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एक आपात अधिसूचना जारी कर पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स की 14 दवाइयों को प्रतिबंधित कर दिया। इनमें रिंगर्स लैक्टेट, डेक्सट्रोज़ इन्फ्यूज़न, मैनिटोल इन्फ्यूज़न, ऑफ़्लोक्सासिन, पैरासिटामोल इन्फ्यूज़न समेत कई महत्वपूर्ण दवाइयाँ शामिल हैं।

⚠️ सरकारी अस्पतालों में नहीं होगी इन दवाइयों की सप्लाई!
👉 विभाग ने स्पष्ट किया कि ये दवाइयाँ अब सरकारी अस्पतालों में उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं होंगी, भले ही वे स्टॉक में मौजूद हों।
👉 आदेश जारी होने के बाद अस्पतालों में इन दवाइयों की तत्काल वापसी शुरू हो गई है।

सैलाइन कांड: मिदिनीपुर मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ हड़कंप!

📍 इस फैसले का कारण मिदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में हुई एक दुखद घटना है, जहां एक महिला प्रसव के दौरान सैलाइन चढ़ाने के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गई।
📍 इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की हालत बिगड़ने पर उन्हें कोलकाता के SSKM अस्पताल रेफर किया गया।
📍 जांच में पता चला कि इन महिलाओं को निम्न गुणवत्ता वाली रिंगर्स लैक्टेट सैलाइन दी गई थी, जो पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित थी।
📍 इस घटना के बाद सरकार ने पहले कंपनी के सैलाइन पर प्रतिबंध लगाया और अब अन्य दवाइयों पर भी कड़ा फैसला लिया गया है।

अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर अलर्ट जारी!

💊 सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को इन दवाइयों के इस्तेमाल से बचने और स्टॉक को तुरंत हटाने के आदेश दिए।
🛑 हेल्थ डिपार्टमेंट अब निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में भी इस मामले की जांच कर सकता है।
⚠️ इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल में दवाओं की गुणवत्ता और मेडिकल सप्लाई चेन को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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