पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति में तूफान ला दिया है। अपने निजी कार्य से आसनसोल पहुंचे अधीर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी—दोनों पर तीखे तंज कसे। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि “राम मंदिर और जगन्नाथ मंदिर की पूजा अब राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बन गई है।”
🔥 प्रमुख बयान:
“अब नेता ईश्वर में नहीं, ऊपर वाले में भी प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं” – अधीर चौधरी
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और टीएमसी दोनों ही 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। राम मंदिर और हनुमान के नाम पर वोटों की खेती हो रही है।
🏛️ राजनीति में धर्म का दिखावा?
- अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जैसे पहले NRC और CAA को लेकर राजनीतिक माहौल गर्माया गया था, वैसे ही अब राम मंदिर और पूजा-पाठ के जरिए जनता को गुमराह किया जा रहा है।
- “जनता रामनाम में खो जाए और नेता सत्ता में आ जाए — यही इनका असली एजेंडा है।”
🏭 “बंगाल से भाग रहे हैं उद्योग”: अधीर का आरोप
अधीर ने दावा किया कि कांग्रेस के समय बंगाल में औद्योगीकरण की रफ्तार थी, लेकिन अब सिर्फ दिखावा बचा है:
“हर साल लाखों करोड़ के निवेश की बात होती है, लेकिन जमीनी हकीकत कागजों तक ही सीमित है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बंगाल में निवेश हो रहा है, तो फैक्ट्रियां क्यों बंद हो रही हैं और युवा बाहर क्यों जा रहे हैं?
🚨 तीन स्तंभों पर टिकी है TMC सरकार: अधीर चौधरी
उन्होंने कहा:
- भ्रष्टाचार
- पुलिस की सांठगांठ
- सांप्रदायिक राजनीति
“इन तीन चीजों के अलावा ममता सरकार के पास अब कुछ नहीं बचा है।”
🧩 क्या बंगाल में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अधीर रंजन का यह बयान कांग्रेस को फिर से मजबूती देने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। ममता बनर्जी और मोदी दोनों पर एकसाथ हमला करके अधीर चौधरी ने खुद को एक मजबूत विपक्षी चेहरा दिखाया है।