कोलकाता : पश्चिम बंगाल में नगर पालिका भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा महानगर कोलकाता के 7 विभिन्न क्षेत्रों में चलाए गए दो दिनी व्यापक छापेमारी अभियान में 3 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। इसके साथ ही भारी मात्रा में संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए है। फिलहाल केंद्रीय जांच एजेंसी की रेड खत्म हो गई है। हालांकि, एजेंसी ने स्पष्ट कहा है कि आगे की जांच जारी है।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
👉बेलेघाटा के 75 हेमचंद्र नस्कर रोड स्थित लक्ष्मी रामालय नामक आवास पर, बेंटिंक स्ट्रीट और पार्क स्ट्रीट इलाकों में
👉कपड़ा कारोबारी विश्वजीत चौधरी और उसके छोटे भाई रियल इस्टेट कारोबारी रंजीत चौधरी के ठिकानों पर
👉तारातला और लेकटाउन में एक व्यवसायी के ठिकानों पर
लपेटे में कौन-कौन सी कंपनियां?
🔹रेडियंट एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड
🔹गारोडिया सिक्योरिटीज लिमिटेड
🔹जीत कंस्ट्रक्शन एंड कंसल्टेंट्स
छापेमारी को लेकर ED ने जारी किया बयान
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नगर पालिका भर्ती घोटाले में 28-29 अक्टूबर 2025 को कोलकाता और उसके आसपास 7 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी के दौरान जिन परिसरों की तलाशी ली गई, उनमें नगर पालिका भर्ती घोटाले के मुख्य संदिग्धों/आरोपियों के सहयोगियों के कार्यालय और आवास शामिल हैं। रेडियंट एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड, गरोडिया सिक्योरिटीज लिमिटेड, जीत कंस्ट्रक्शन एंड कंसल्टेंट्स आदि के परिसरों के साथ-साथ इन कंपनियों/फर्मों के प्रमोटरों/निदेशकों के आवासों की भी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और लगभग 3 करोड़ रुपये की नकदी सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
काले धन के हवाला कारोबार का हुआ खुलासा
ईडी ने आगे बताया कि तलाशी में एक ऐसी कार्यप्रणाली का खुलासा हुआ है जिसके तहत नगर पालिका भर्ती घोटाले के मुख्य संदिग्धों/आरोपियों द्वारा काले धन को फर्जी सेवाओं की आड़ में कंपनियों/फर्मों के माध्यम से सफेद किया जा रहा था। इसके साथ हवाला ट्रेडिंग के माध्यम से इसे दूसरे देशों में खपाया जा रहा था।
मंत्री सुजीत बोस के ठिकानों से मिले थे 45 लाख
ईडी ने हाल ही में 10.10.2025 को पश्चिम बंगाल के विधायक और अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय सहित 13 परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज और 45 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए थे। ईडी ने माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की है।
क्या है पूरा मामला
यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि ईडी ने सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य के मामले में माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष WPA 9979/2022 में CAN 2/2023 और CAN 1/2023 के तहत एक आवेदन दायर किया था, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य में फैली नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों की भर्ती में की गई अवैधताओं से संबंधित अपने निष्कर्षों पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। इससे पहले प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी द्वारा जांच के दौरान, 2023 में अयान सिल और अन्य से जुड़े विभिन्न परिसरों की तलाशी ली गई थी। तलाशी के दौरान, अयान सिल के कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया।
8 पालिकाओं में बड़ी संख्या में नियुक्ति में हुआ भ्रष्टाचार
दोषी ठहराने वाले दस्तावेजों की जाँच से पता चला कि यह घोटाला केवल शिक्षकों की भर्ती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न नगर पालिकाओं [जिनमें कांचरापाड़ा, नया बैरकपुर, कमरहाटी, टीटागढ़, बारानगर, हालिसहर, दक्षिण दमदम (उत्तर), दमदम आदि शामिल हैं] द्वारा की गई कई अन्य नियुक्तियाँ भी इसमें शामिल हैं, जिनमें मज़दूर, सफाई कर्मचारी, क्लर्क, चपरासी, एम्बुलेंस अटेंडेंट, सहायक मिस्त्री, पंप ऑपरेटर, हेल्पर, स्वच्छता सहायक, ड्राइवर आदि की भर्ती शामिल है।
अयान सिल की कंपनी को मिला पूरा ठेका, फिर हुआ खेल
ईडी की जाँच से पता चला कि विभिन्न नगर निगमों, नगर पालिकाओं आदि से संबंधित ठेके एक ही कंपनी मेसर्स को दिए गए थे। एबीएस इन्फोज़ोन प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक- अयान सिल) को प्रश्नपत्रों की छपाई, ओएमआर शीट की छपाई, अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों का मूल्यांकन और मेरिट सूची तैयार करने आदि के लिए दोषी ठहराया गया था। अयान सिल और लोक सेवकों व राजनीतिक नेताओं सहित अन्य उच्च पदाधिकारियों ने अन्य निजी व्यक्तियों सहित आपस में एक आपराधिक षड्यंत्र रचा और उस षड्यंत्र के तहत मेसर्स एबीएस इन्फोज़ोन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अयान सिल ने ओएमआर शीट की छपाई, डिजाइनिंग और मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होने के नाते अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग करके अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में हेराफेरी की और पैसे के बदले कई नगरपालिकाओं में कई अयोग्य अभ्यर्थियों की अवैध नियुक्तियों में मदद की।
राज्य के कई मंत्री इस भ्रष्टाचार के लपेटे में
ईडी ने पहले ही माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), कोलकाता के समक्ष अयान सिल के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज कर ली है। ईडी ने इससे पहले भी विभिन्न नगर पालिकाओं के पदाधिकारियों के परिसरों, विधायक सुजीत बोस और पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवासीय परिसरों की तलाशी ली थी। ईडी ने बताया कि मामले में आगे की जाँच जारी है।

















