चाबहार पोर्ट : अमेरिका ने दिया फिर बड़ा झटका, खत्म की भारत समेत अन्य देशों की छूट

वॉशिंगटन डीसी : अमेरिका ने ईरान के रणनीतिक चाबहार पोर्ट पर 2018 में दी गई प्रतिबंधों से छूट (Sanctions Waiver) को रद्द करने की घोषणा की है. यह फैसला 29 सितंबर 2025 से लागू होगा और इसे वॉशिंगटन की “मैक्सिमम प्रेशर” अभियान की रणनीति का हिस्सा बताया गया है.

यह छूट भारत, ईरान और अन्य देशों को चाबहार पर काम करने की अनुमति देती थी, जिससे वे अमेरिकी प्रतिबंधों की जद में नहीं आते थे. लेकिन अब इसके हटने से भारत की रणनीतिक और आर्थिक योजनाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है.

भारत ने मई 2024 में ईरान के साथ 10 साल का समझौता किया था, जिसके तहत भारतीय पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल का संचालन अपने हाथ में लिया था. यह पहली बार था जब भारत ने किसी विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन संभाला. इससे पहले 2016 का समझौता हर साल नवीनीकृत किया जाता रहा था.

भारत के लिए बेहद अहम है यह पोर्ट

चाबहार पोर्ट भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधा व्यापार मार्ग उपलब्ध कराता है. भारत ने 2003 में इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया था, ताकि इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के जरिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके.

भारत ने इस पोर्ट के जरिये कई बार रणनीतिक आपूर्ति भी की है. 2023 में 20,000 टन गेहूं की मदद अफगानिस्तान भेजी गई थी और 2021 में ईरान को पर्यावरण अनुकूल कीटनाशक इसी रास्ते से पहुंचाए गए थे.

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह कदम ईरानी शासन और उसकी सैन्य गतिविधियों को मिलने वाली अवैध वित्तीय मदद को बाधित करने के लिए उठाया गया है. हालांकि, इसके बाद भारत के सामने यह चुनौती खड़ी हो गई है कि यदि कंपनियां चाबहार पोर्ट से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होंगी तो वे अमेरिकी प्रतिबंधों की चपेट में आ सकती हैं.

ghanty

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