सीतापुर/रामपुर : सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से मंगलवार दोपहर रिहा हो गए। 5 दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बीयर बार पर कब्जे से जुड़े केस में जमानत दी थी। यह आखिरी मामला था, जिसमें उन्हें जमानत मिली।
हालांकि, जमानत मिलते ही पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दीं। 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने ये धाराएं खारिज कर दीं, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया। आजम पर 104 केस दर्ज हैं।
दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला उन्हें लेने पहुंचे। वे 100 गाड़ियों के काफिले के साथ यहां से रामपुर के लिए रवाना हो गए। आजम की रिहाई सुबह 9 बजे होनी थी, लेकिन एक केस में 6 हजार जुर्माना नहीं भरा गया था। 10 बजे कोर्ट खुलने पर यह रकम जमा हुई। इसके बाद 12.30 बजे उनकी रिहाई हुई।
400 कार्यकर्ता लेने पहुंचे, 73 गाड़ियों का चालान कटा
आजम काला चश्मा, काली सदरी और सफेद कुर्ता पहने कार में ही बैठकर जेल से बाहर आए। हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। उन्हें लेने के लिए मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा और 400 से ज्यादा कार्यकर्ता पहुंचे। पुलिस ने 73 कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान भी काटा। कहा- ये सब नो पार्किंग जोन में खड़ी थीं।

बसपा में जाने पर आजम ने कहा- ये वही बता सकते हैं जो अटकलें लगा रहे
सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद सपा नेता आजम खान ने कहा- सबका बहुत शुक्रिया। बहुत सी दुआएं उनके लिए (जिन्होंने समर्थन दिया)। बसपा में शामिल होने की अटकलों पर आजम कहा- यह केवल वही लोग बता सकते हैं, जो अटकलें लगा रहे हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला। मुझे फोन करने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैं 5 साल तक पूरी तरह से बाहर के संपर्क में नहीं रहा।
फर्जी मुकदमे करने वालों को सबक मिला- अखिलेश
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि आज़म ख़ान की रिहाई उनके और उनके परिवार और हम सब के साथ-साथ, उन सब लोगों के लिए राहत और ख़ुशी की बात है जो ‘इंसाफ़’ में ऐतबार करते हैं। न्याय में विश्वास को बनाए रखने के लिए अदालत का दिल से शुक्रिया।
आज फ़र्ज़ी मुकदमे करनेवालों को भी ये सबक मिल गया है कि हर ‘झूठ’ की एक मियाद होती है और हर ‘साज़िश’ की भी। जो लोग सामाजिक सौहार्द के प्रतीक होते हैं, भाजपा को वो कभी अच्छे नहीं लगते हैं।
आज़म ख़ान एक बार फिर से हर उपेक्षित, पीड़ित, दुखी, अपमानित के साथ खड़े होकर, भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों के द्वारा किये जा रहे जनता के दमन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएंगे और हमेशा की तरह देश-प्रदेश की भावनात्मक एकता के प्रतीक बनकर, समाजवादी मूल्यों और सिद्धांतों के साथ, सामाजिक न्याय के संघर्ष की राह पर आगे बढ़ते जाएंगे।