आसनसोल।
विद्रोही कवि काज़ी नजरुल इस्लाम की पुण्यतिथि के अवसर पर गुरुवार को आसनसोल नगर निगम की ओर से एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नगर निगम अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने रविंद्र भवन के सामने स्थित कवि नजरुल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम में मेयर परिषद सदस्य गुरदास चटर्जी, नगर निगम के कानूनी सलाहकार रबीउल इस्लाम, क्लर्क सहित कई अधिकारी और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे। इस मौके पर कवि नजरुल के रचनात्मक योगदान और उनकी विद्रोही वाणी को याद किया गया।
गुरदास चटर्जी ने कहा— “नजरुल इस्लाम केवल कवि नहीं, बल्कि अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले योद्धा थे। उनकी कविताएँ आज भी लोगों के दिलों में जोश और प्रेरणा भरती हैं। आसनसोल नगर निगम हमेशा ऐसे महापुरुषों की प्रतिमाओं को सम्मान देने और उनकी विचारधारा को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
स्थानीय नागरिकों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर कवि नजरुल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कुछ छात्रों ने कवि की रचनाओं का पाठ किया और वातावरण को भावनाओं से भर दिया।
कवि नजरुल इस्लाम को “विद्रोही कवि” कहा जाता है। उन्होंने अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से सामाजिक अन्याय, जातिवाद, और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी लेखनी ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा दी थी।
आसनसोल जैसे औद्योगिक नगर में भी कवि की स्मृति को संजोना लोगों के लिए गौरव की बात है। नगर निगम के इस आयोजन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि महान विभूतियों की स्मृतियाँ समाज को हमेशा राह दिखाती रहेंगी।