आसनसोल।
जहां एक ओर दुर्गापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 18 जुलाई की रैली को लेकर माहौल गर्म है, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाले शहीद दिवस को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी भी ज़ोरों पर है। इसी कड़ी में आसनसोल के राहा लाइन से गिरजा मोड़ तक तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक भव्य और शक्ति प्रदर्शन रैली का आयोजन किया गया।
इस रैली के माध्यम से कार्यकर्ताओं और आम जनता से आह्वान किया गया कि वे 21 जुलाई को कोलकाता पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दें और लोकतंत्र को मज़बूत करें।
🔹नेताओं की दमदार मौजूदगी
इस रैली में राज्य के कानून मंत्री मलय घटक, तृणमूल जिला अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती, विधायक तापस बनर्जी और हरेराम सिंह, डिप्टी मेयर अभिजीत घटक और वसीमुल हक, शिवदासन दासु, गुरदास चटर्जी समेत तमाम प्रमुख नेता व कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित रहे।
नेताओं ने रैली के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “21 जुलाई सिर्फ शहीदों की याद का दिन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की लड़ाई को याद करने का दिन है।”
🔹21 जुलाई का महत्व
ज्ञात हो कि 21 जुलाई 1993 को कोलकाता में पुलिस फायरिंग में 13 युवा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी, जिसके बाद से तृणमूल कांग्रेस हर साल इस दिन को “शहीद दिवस” के रूप में मनाती है। ममता बनर्जी इसे जनक्रांति के प्रतीक के रूप में देखती हैं।
🔹जन आंदोलन का आह्वान
रैली के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है, और शहीद दिवस को जन आंदोलन में बदलना तृणमूल की रणनीति का हिस्सा है। भीड़ में शामिल कार्यकर्ताओं ने “जय ममता”, “शहीदों को सलाम”, और “लोकतंत्र की रक्षा करो” जैसे नारे लगाकर माहौल को ऊर्जा से भर दिया।