कोलकाता: लॉ कॉलेज छात्रा गैंगरेप मामले में अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) के भीतर ही खुली बगावत शुरू हो गई है। टीएमसी के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर अपनी ही पार्टी की ओर से जारी बयान पर कड़ा ऐतराज़ जताया। उन्होंने कहा, “मैं तृणमूल कांग्रेस के उस आधिकारिक बयान से पूरी तरह असहमत हूं, जिसमें गैंगरेप केस में शामिल नेताओं को लेकर कोई सख्त रुख नहीं दिखाया गया है।”
कल्याण बनर्जी का तीखा हमला:
बनर्जी ने कहा कि केवल अकादमिक बयान जारी करने से कोई बदलाव नहीं आएगा। “जब तक सीधे तौर पर जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह सब दिखावा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2011 के बाद उभरे कुछ नेता खुद ऐसे अपराधों में सवालों के घेरे में हैं।
उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “मैं ऐसे लोगों से खुद को स्पष्ट रूप से अलग करता हूं जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं या प्रोत्साहित कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयानों को समझने के लिए एक नैतिक और बौद्धिक स्तर की ज़रूरत है, जो दुर्भाग्यवश गायब है।
टीएमसी ने झाड़ा पल्ला:
TMC ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा कि कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा की टिप्पणियां व्यक्तिगत हैं और पार्टी की राय नहीं हैं। TMC ने कहा, “हम इन बयानों से खुद को अलग करते हैं और इनकी निंदा करते हैं।”
पार्टी ने आगे कहा, “TMC महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति पूरी तरह असहिष्णु है और हम दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।”
सियासी विश्लेषण:
कल्याण बनर्जी का यह बयान तृणमूल कांग्रेस के अंदर गहराते मतभेद को उजागर करता है। यह मामला ना केवल एक कानूनी और सामाजिक सवाल बन चुका है, बल्कि यह राजनीतिक असहजता का संकेत भी दे रहा है। विपक्ष भी अब इस बयान को हथियार बनाकर ममता सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।