दुर्गापुर।
श्रमिक नगर दुर्गापुर एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष से दहल उठा है। निजी फैक्ट्री में कर्मचारियों की भर्ती को लेकर लंबे समय से चली आ रही ठंडी लड़ाई अब खूनी टकराव में बदल गई। देर रात एबीएल टाउनशिप इलाके में हुई हिंसक झड़प में तृणमूल के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें दुर्गापुर उपमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दुर्गापुर नगर निगम के 25 और 26 नंबर वार्ड के बीच भर्ती प्रक्रिया पर नियंत्रण को लेकर राजनीतिक रस्साकशी कई दिनों से चल रही थी। पूर्व पार्षद दীপंकर लाहा और दीपेन मांझी के समर्थकों के बीच तनातनी धीरे-धीरे विस्फोटक हो गई।
अस्पताल के बिस्तर पर पड़े घायल कार्यकर्ता रंजीत पंडित का आरोप है—
“दीपेन मांझी के नेतृत्व में लाठी-डंडे लेकर 10–12 लोग पार्टी ऑफिस में घुसे और हमें बेरहमी से पीटा। यह सब पहले से प्लान था।”
हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व पार्षद दीपेन मांझी ने कहा—
“ये सब मनगढ़ंत बातें हैं। हमलोग किसी हिंसक घटना में शामिल नहीं हैं। विपक्षी गुट सस्ती राजनीति कर रहा है।”
दूसरी ओर, तृणमूल के श्रमिक संगठन की कोर कमेटी के सदस्य मानस अधिकारी ने पार्टी के गुटीय संघर्ष की बात से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है—
“यह तृणमूल का संघर्ष नहीं, क्षेत्र में सक्रिय कुछ असामाजिक तत्वों की हरकत है।”
उधर बीजेपी ने इस घटना को लेकर ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला है। जिला भाजपा नेता चंद्रशेखर बनर्जी ने कहा—
“बंगाल चुनाव से पहले ही तृणमूल का असली चेहरा उजागर हो रहा है। पार्टी पूरी तरह बिखर चुकी है, कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं बची।”
फैक्ट्री भर्ती को लेकर छिड़ा यह विवाद अब बड़े राजनीतिक संकट का रूप ले चुका है। चुनाव से पहले तृणमूल के भीतर ऐसी हिंसक घटनाएँ न केवल उसकी छवि को धक्का पहुँचा रही हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर पार्टी संगठन में गहरे असंतोष को भी उजागर कर रही हैं।












