देश की सुरक्षा में अपने साहसिक कदम “ऑपरेशन सिंदूर” को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली भारतीय सेना के सम्मान में शुक्रवार को आसनसोल में ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस आयोजन ने पूरे शहर में देशभक्ति की भावना का अद्भुत संचार कर दिया।
🇮🇳 यात्रा का आयोजन एवं मार्ग
- आयोजक: कल्चर एंड लिटरेरी फोरम ऑफ बंगाल
- प्रारंभ बिंदु: आश्रम मोड़
- समापन: कॉरपोरेशन मोड़
- मुख्य अतिथि: पूर्व मेयर श्री जीतेन्द्र तिवारी
📢 क्या बोले जीतेन्द्र तिवारी?
“ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य रणनीति नहीं, बल्कि भारतीय सेना की निष्ठा और शौर्य का जीवंत उदाहरण है। इस यात्रा के माध्यम से हम अपने सैनिकों को नमन करते हैं।” — जीतेन्द्र तिवारी
🧍♂️ कौन-कौन हुआ शामिल?
- बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक,
- युवा वर्ग,
- कॉलेज छात्र,
- समाजसेवी संस्थाएँ
- और फोरम के सदस्य इस यात्रा में शामिल हुए।
✨ तिरंगे के साथ देशभक्ति की झलक:
पूरा रास्ता “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” जैसे नारों से गूंज उठा। हर हाथ में तिरंगा और हर चेहरे पर गर्व की चमक।
📣 फोरम का संदेश:
“हम भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों से सेना और राष्ट्रभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुँचाते रहेंगे।” — कल्चर एंड लिटरेरी फोरम ऑफ बंगाल
📌 ऐड ऑन जानकारी (वायरल एंगल):
- यात्रा में 500 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
- छात्रों ने ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित नारे और पोस्टर भी प्रदर्शित किए।
- स्थानीय दुकानदारों ने यात्रा के सम्मान में अपनी दुकानें अस्थायी रूप से बंद रखीं।
- सोशल मीडिया पर #OperationSindoor #TirangaYatraAsansol ट्रेंड करने लगा।
🔚 निष्कर्ष:
आसनसोल में निकली यह तिरंगा यात्रा भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित एक प्रेरणादायक और ऐतिहासिक क्षण बन गया। इससे ना केवल वीर जवानों के प्रति सम्मान प्रकट हुआ, बल्कि नई पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का बीज और भी गहराई से बोया गया।