कोलकाता/सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल के नागराकाटा में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए पहुंचे बीजेपी विधायक शंकर घोष और सांसद खगेन मुर्मू पर हमले के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हमले के विरोध में मंगलवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से लेकर नई दिल्ली तक जोरदार प्रदर्शन किया गया. हमले के खिलाफ दिल्ली के हेली रोड स्थित बंगाल भवन के बाहर बीजेपी नेता और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल सरकार और टीएमसी को कटघरे में खड़ा किया है. जबकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इनपर घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.
बंगाल में दयनीय कानून व्यवस्था : PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सेवा करने वाले हमारे सांसद और विधायक पर जिस तरह से हमला किया गया, वह बेहद निंदनीय है. पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला तृणमूल कांग्रेस की असंवेदनशीलता और राज्य की दयनीय कानून-व्यवस्था को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि काश पश्चिम बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में हिंसा करने के बजाय लोगों की मदद पर ज्यादा ध्यान देती. मैं बीजेपी कार्यकर्ताओं से जनता के बीच काम करते रहने और चल रहे बचाव कार्यों में सहयोग करने की अपील करता हूं.
राज्यपाल ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा, “जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों, सांसदों और विधायकों पर हमला बेहद चौंकाने और स्तब्ध करने वाला है, ऐसा लोकतंत्र में कभी नहीं होना चाहिए था… बंगाल जैसे प्रबुद्ध राज्य में इसे जारी रहने नहीं दिया जा सकता. राज्यपाल ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ. पुलिस से भारत के संविधान और कानून के शासन को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन वे मिलीभगत कर रहे हैं और अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे हैं. बोस ने इस घटना को बहुत दुखद बताया है, साथ ही कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने जोर दिया कि मैं सुनिश्चित करूंगा कि 24 घंटे के भीतर अपराधी पकड़े जाएं. अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ममता का पलटवार, पीएम पर ओछी राजनीति करने का आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और उन पर ‘प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण’ करने और ‘संवैधानिक लोकाचार का उल्लंघन’ करने का आरोप लगाया. पीएम के पोस्ट पर ममता बनर्जी ने एक्स पर एक विस्तृत बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उचित जांच का इंतजार किए बिना एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का फैसला किया है, खासकर तब जब उत्तर बंगाल में लोग विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद की स्थिति से जूझ रहे हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रशासन और पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे, तब बीजेपी नेताओं ने बड़ी संख्या में कारों के काफिले के साथ और केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में प्रभावित क्षेत्रों में जाने का फैसला किया और वह भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को कोई सूचना दिए बिना. सीएम ममता ने प्रश्न किया, इस घटना के लिए राज्य प्रशासन, स्थानीय पुलिस या तृणमूल कांग्रेस को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?
CM ममता ने घायल सांसद से अस्पताल में की मुलाकात
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू से मंगलवार को सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल में मुलाकात की, जहां उनका इलाज चल रहा है। खगेन मुर्मू पर उत्तर बंगाल के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान नागराकाटा में हमला किया गया था। ममता बनर्जी ने चिकित्सकों से बात की और भाजपा नेता को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

अस्पताल से बाहर आने के बाद बनर्जी ने कहा, मुझे सभी जानकारी मिल गई है। उनका (मुर्मू का) रक्त शर्करा बढ़ा हुआ है। इसे नियंत्रित करने की ज़रूरत है। मैंने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में भारी बारिश की चपेट में आकर मरने वालों के स्वजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों के परिवार के एक सदस्य को स्पेशल होम गार्ड की नौकरी भी दी जाएगी।












