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❌ डायन बताकर बेघर किया गया पूरा परिवार, थाने में भी नहीं मिल रहा न्याय!

आसनसोल/रामपुर: 21वीं सदी में जब भारत चंद्रमा और सूरज को छूने की ओर बढ़ रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रामपुर ग्राम से अंधविश्वास का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक आदिवासी परिवार को ‘डायन’ बताकर गांव से बाहर निकाल दिया गया, और समाज से पूरी तरह बहिष्कृत कर दिया गया।

❗पीड़ित परिवार का आरोप — गालियाँ, ताने और अब सामाजिक बहिष्कार

पीड़िता कांता हांसदा ने बताया कि उनके परिवार को लंबे समय से मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। “पहले लोग ताने मारते थे, अब सीधा कह रहे हैं कि हमारे परिवार में कोई डायन है, जो गांव के लोगों को बीमार कर रही है। ये सरासर झूठ है,” कांता ने रोते हुए बताया।

🧪 विज्ञान मंच ने किया हस्तक्षेप, थाने में भी हो रहा टाल-मटोल

घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय विज्ञान और युक्तिवादी समिति के रॉबिन हेंब्रम मौके पर पहुंचे और थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने बताया, “अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ यह एक जंग है। लेकिन पुलिस भी अभी ‘इंतज़ार’ करने को कह रही है, एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही। हम दबाव बनाएंगे, यह अन्याय सहन नहीं होगा।”

⚖️ प्रशासन से मांग — तत्काल न्याय और सामाजिक पुनर्वास

रॉबिन हेंब्रम और विज्ञान मंच ने:

  • पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने
  • तत्काल एफआईआर दर्ज करने
  • और गांव में जनजागरूकता अभियान चलाने की मांग की है।

📌 सामाजिक ताना-बाना तोड़ने वाली कुरीति

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या हम वाकई आधुनिक भारत में जी रहे हैं? डायन प्रथा जैसी बर्बर सोच आज भी ग्रामीण भारत में महिलाओं और परिवारों को बर्बाद कर रही है।

ghanty

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