सालानपुर (पश्चिम बर्धमान), 24 जुलाई —
पश्चिम बर्धमान जिले के सालानपुर थाना क्षेत्र के पाताल फूलबेड़िया गांव में एक 51 वर्षीय व्यक्ति सोरेन बाउरी की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। परिजनों का दावा है कि वह माघईचक स्थित एक पत्थर फैक्ट्री में लंबे समय तक काम करते हुए “सिलिकोसिस” नामक गंभीर फेफड़ों की बीमारी का शिकार हो गया है।
इस घटना से आक्रोशित होकर स्थानीय ग्रामीणों ने फैक्ट्री के मुख्य गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, और ग्रामीणों की भारी भीड़ शामिल हुई।
🔬 क्या है सिलिकोसिस?
सिलिकोसिस एक घातक श्वसन रोग है, जो पत्थर, रेत या खनिज धूल में काम करने वाले मजदूरों को प्रभावित करता है। लगातार धूल के संपर्क में रहने से फेफड़े सूज जाते हैं और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। यह बीमारी धीरे-धीरे जानलेवा बन जाती है।
🧓 पीड़ित की हालत गंभीर, परिवार बेहाल
सोरेन बाउरी के बेटे ने बताया –
“पापा को पिछले साल से लगातार खांसी, बुखार और सांस की दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने अब जाकर बताया कि उन्हें सिलिकोसिस हो गया है। हमने उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है लेकिन सही इलाज और मदद नहीं मिल रही है।”
परिवार ने राज्य सरकार और फैक्ट्री प्रबंधन से मुआवजा और मुफ्त इलाज की मांग की है।
🏭 फैक्ट्री प्रबंधन का बचाव
हालांकि, फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि
“सोरेन बाउरी हमारे यहां कुछ ही समय के लिए काम पर था और उसे पहले से ही टीबी जैसी बीमारी थी। फैक्ट्री की ओर से किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है।”
यह बयान और भी गुस्से का कारण बना, और प्रदर्शनकारियों ने प्रबंधन पर मजदूरों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
🚨 बढ़ सकता है विरोध, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
- प्रदर्शनकारियों ने डीएम और श्रम विभाग से जांच की मांग की है।
- अगर उचित कार्रवाई और मुआवजा नहीं मिला तो जल्द ही बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी गई है।
- इस मामले में स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठने लगे हैं।












