SIR : पश्चिम बर्दवान सहित 4 जिलों में ‘मैपिंग’ पर विवाद, निर्वाचन आयोग ने जताया एतराज

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कोलकाता/आसनसोल (प्रेम शंकर चौबे) : निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल में विशेष गहन सर्वेक्षण (SIR) शुरू करने की तैयारी कर रहा है. चुनाव आयोग जल्द ही इस बाबत घोषणा कर सकता है. इसे लेकर अटकलें तेज गई हैं. वहीं, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बंगाल में राजनीति गर्म है. इस बीच, ‘मैपिंग और मिलान’ में जो तस्वीर सामने आई है, वह राज्य के सीमावर्ती जिलों को लेकर सवाल खड़े करती है. दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में मैपिंग का काम पूरा हो चुका है और जो ‘विसंगतियां’ सामने आई हैं, वे कई सवाल खड़े करती हैं.

पश्चिम बर्दवान, उत्तर 24 परगना, कलिम्पोंग और कूचबिहार में दिखी ‘विसंगतियां’

राज्य में 2002 की मतदाता सूची की तुलना 2025 की मतदाता सूची से करने के लिए मैपिंग का काम शुरू हो गया है. देखा जा रहा है कि पश्चिम बर्दवान, उत्तर 24 परगना और कूचबिहार में मैपिंग 50 प्रतिशत से कम है, यानी 2002 की मतदाता सूची 2025 की सूची से 50 प्रतिशत से भी कम मिलती-जुलती है. इन जिलों में 2025 की मतदाता सूची में शामिल 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता 2002 की सूची में नहीं थे. दक्षिण 24 परगना में यह समानता केवल 50 प्रतिशत है. पश्चिम बर्दवान के सीमावर्ती क्षेत्र में मैपिंग 40 प्रतिशत से कम है यानी, वर्तमान मतदाता सूची में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं के नाम 2002 के बाद दर्ज किए गए हैं. कूचबिहार में 46 प्रतिशत मिलान पाया गया. कलिम्पोंग में भी 60 प्रतिशत मिलान पाया गया. उत्तर 24 परगना में स्थिति और भी खराब है. वहां 41 प्रतिशत मिलान पाया गया. आयोग का तर्क है कि मृत मतदाताओं और निवासियों के अन्य स्थानों पर चले जाने के कारण मैपिंग का 100 प्रतिशत मिलान संभव नहीं है. हालांकि, उन जिलों को लेकर सवाल उठ रहे हैं जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं के नाम 2002 के बाद दर्ज किए गए हैं. विपक्ष का आरोप है कि सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ बढ़ रही है. सवाल यह है कि क्या घुसपैठियों की वजह से मैपिंग में इतनी विसंगतियां हैं.

1000 BLO को नोटिस जारी, 72 घंटे में आयोग ने मांगा जवाब

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बंगाल के लगभग 1000 बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार इन सभी बीएलओ ने एसआईआर के लिए कार्य से मुक्ति देने की मांग की है। संबंधित बीएलओ से कार्य से मुक्ति मांगने का कारण बताने को कहा गया है। आयोग ने कुछ दिन पहले ही बीएलओ की नियुक्ति शुरू की है। कुछ दिन पहले ही राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अपने सचिव विनोद कुमार को सूचित किया था कि कई जिला मजिस्ट्रेटों और जिला निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट से पता चलता है कि कई शिक्षक बीएलओ के नियुक्ति पत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनसे नियुक्ति न चाहने का कारण बताने को कहा गया है। उन्हें नोटिस मिलने के 72 घंटों के भीतर जवाब देने का भी आदेश दिया गया।

चुनाव आयोग जल्द कर सकता है ऐलान

चुनाव आयोग बुधवार से दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है. गुरुवार को भी यह बैठक जारी रहेगी. इसमें देशभर में एसआईआर कराने के निर्णय को अंतिम रूप दिया जाएगा. बंगाल से भी चुनाव अधिकारियों की टीम बैठक में शामिल हुई है. इस बैठक के बाद, इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि बंगाल में एसआईआर की घोषणा होगी या नहीं और यह भी अटकलें शुरू हो गई हैं कि अगर एसआईआर लागू हुआ तो इन सीमावर्ती ज़िलों में कितने नाम छूट सकते हैं? हालांकि, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर किसी वैध मतदाता का नाम एसआईआर से छूटा भी तो वे सड़कों पर उतरेंगे. तृणमूल प्रवक्ता अरूप विश्वास ने कहा, “चुनाव आयोग को कान खोलकर सुनना चाहिए ताकि किसी भी वैध मतदाता का नाम छूट न जाए. बिहार में भाजपा की शह पर लाखों नाम छूटे हैं. अगर यहां भी ऐसा किया गया तो इसे पूरी ताकत से रोका जाएगा.”

EC की राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक जारी

चुनाव आयोग (EC) के शीर्ष अधिकारी देशभर के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बुधवार से दो दिन की बैठक कर रहे हैं। बैठक में देशभर में वोटर लिस्ट की समीक्षा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू करने की योजना पर चर्चा हो रही है। इससे पहले सितंबर में भी चुनाव आयोग ने बैठक की थी। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त एसएस संधू और विवेक जोशी शामिल हैं। बैठक गुरुवार तक जारी रहेगी। SIR के दौरान पुराने या गलत नामों को हटाया जाएगा और सही व नए वोटर्स को जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में उन राज्यों में यह अभियान चलेगा, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव होंगे।

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