बराकर, पश्चिम बर्धमान। सावन की अंतिम सोमवारी पर बराकर के प्रसिद्ध और प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भव्य और अलौकिक श्रृंगार किया गया। इस मौके पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा — त्रिवेणी संगम डीसरगढ़ से जल लेकर हजारों शिवभक्तों ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
हर सोमवार की तरह इस बार भी संध्या वेला में मंदिर प्रांगण देवत्व से ओतप्रोत हो उठा। श्रृंगार की अगुवाई इस बार बराकर फाड़ी रोड निवासी सुरेश चंद्र पारीक ने की, जो बीते 32 वर्षों से सावन के एक सोमवार को बाबा का श्रृंगार करते आ रहे हैं।
पारीक ने बताया, “जब मैंने बाबा का श्रृंगार शुरू किया था, तब सोचा था बस एक बार करूंगा। लेकिन बाबा की कृपा ऐसी रही कि यह सेवा पिछले 32 वर्षों से निरंतर कर रहा हूं। बाबा की इच्छा रही तो ये सेवा आजीवन करता रहूंगा।”
श्रद्धालु भक्ति के रंग में डूबे रहे, वहीं मंदिर में आए भक्तों के बीच प्रसाद वितरण भी बड़े भाव से किया गया। श्रृंगार का दर्शन करने बंगाल, झारखंड और बिहार के कोने-कोने से महिला, पुरुष और बच्चे पहुंचे।
माना जाता है कि सिद्धेश्वर नाथ महादेव के इस प्राचीन मंदिर में जो सच्चे मन से दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन का यह आखिरी सोमवार बराकर के इतिहास में फिर एक बार भक्ति और आस्था की अनूठी छटा बनकर चमका।