दुर्गापुर: दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (SBSTC) के मुख्य कार्यालय परिसर में सोमवार को तृणमूल मज़दूर संगठन—SBSTC Employees Association और कॉन्ट्रैक्टर मज़दूर यूनियन की ओर से ज़ोरदार रिले धरना शुरू हुआ।
धरने की शुरुआत संगठन के कार्यालय से निकाली गई एक बड़ी मिछिल से हुई, जो नारों के बीच मुख्य परिसर में पहुँची। वहां यूनियन के नेताओं ने ध्वज आरोहित किया और धरना मंच पर बैठकर अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।
🔹 “सरकार की नीतियों से कोई शिकायत नहीं, समस्या अफसरों की कार्यशैली से है”
धरने पर बैठे नेताओं ने कहा कि वे राज्य सरकार की नीतियों का पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों के रवैये और कार्यप्रणाली को लेकर लगातार असंतोष बढ़ रहा है। इसी असंतोष की आग अब आंदोलन के रूप में सामने आई है।
🔹 कर्मचारी बोले—“हमें दबाया जा रहा है, अधिकारों की अनदेखी हो रही है”
धरना स्थल पर मौजूद कर्मियों का आरोप है कि
- स्टाफ की समस्याओं को अनसुना किया जा रहा है
- कॉन्ट्रैक्टर मज़दूरों को समय पर भुगतान नहीं
- कार्यस्थल पर अनुचित दबाव
- परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता गिराने में अधिकारियों की बड़ी भूमिका
🔹 माइक पर गरजे यूनियन नेता
धरना मंच से यूनियन नेताओं ने कहा—
“हमने शांतिपूर्ण तरीके से कई बार अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन जब आवाज दबाई जाए, तो आंदोलन ही रास्ता बचता है। यह रिले धरना अब तब तक चलेगा जब तक हमारी समस्याओं का हल नहीं निकलता।”
🔹 मुख्यालय में दिनभर तनावपूर्ण माहौल
धरने और मিছিল के कारण SBSTC मुख्यालय में दिनभर हलचल और तनाव का माहौल बना रहा। कर्मचारी बड़ी संख्या में जुटे, वहीं आम लोगों के बीच भी इस आंदोलन को लेकर चर्चाएं तेज रहीं।
🔹 आंदोलन लंबा चलने के संकेत
यूनियन ने साफ कहा है कि यह केवल शुरुआत है। यदि अधिकारियों का रवैया नहीं बदलता, तो
- धरना तेज किया जाएगा
- प्रदर्शन का विस्तार ज़ोनल और डिपो स्तर तक किया जाएगा
- आवश्यक सेवाओं के प्रतीकात्मक बहिष्कार की चेतावनी भी दी गई












