कोलकाता (प्रेम शंकर चौबे) : अवैध बालू (रेत) खनन से जुड़े धन शोधन मामले को लेकर केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर बंगाल में एक्टिव हो गई है। गुरुवार की सुबह से ही ईडी अधिकारियों की कई टीमों ने राज्य में एक साथ छापेमारी शुरू की है। कोलकाता, आसनसोल और झाड़ग्राम सहित राज्य के 7 जगहों पर एक साथ रेड जारी है। इस दौरान बालू के वैध-अवैध कारोबार से जुड़े बड़ी मछिलयों के ठिकानों, घर-दफ्तरों पर तलाशी जारी है। आसनसोल में ईडी के साथ ही इनकम टैकेस की टीम भी मौजूद हैं। सुरक्षा के लिहाज से केंद्रीय बलों की टीम भी मौजूद है। ईडी सूत्रों का दावा है कि मामला केवल बालू तस्करी से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि न केवल धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की गई, अपितु हवाला कारोबार के माध्यम से विदेशों में इन पैसों को खपाया गया है। इसके तार कई अहम लिंक से जुड़े हुए हैं। पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। रेड अभी जारी रहने की बात कही जा रही है।
क्या है पूरा मामला
केंद्रीय जांच एजेंसी सुबह से ही आसनसोल दक्षिण थाना अंतर्गत मुर्गाशोल के वार्ड संख्या 41 निवासी रेत व्यापारी मनीष बागरिया के घर की तलाशी ले रही है। मनीष पर आरोप है कि वह विभिन्न जिलों में रेत घाटों का संचालन करता था और करोड़ों रुपये का लेन-देन करता था। सरकारी रेत घाट पर वित्तीय हेराफेरी और अवैध धन शोधन के भी आरोप हैं। दूसरी ओर, ईडी गोपीबल्लवपुर स्थित जीडी माइनिंग के कार्यालय की तलाशी ले रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने लालगढ़ स्थित रेत व्यापारी सौरव रॉय की रेत खदान पर भी छापा मारा है। सौरव की झाड़ग्राम में कई रेत खदानें हैं। लालगढ़ में उनका एक विशाल बंगला और कार्यालय है। सौरव मुख्य रूप से वहीं से अपना कारोबार चलाते थे। जांचकर्ताओं ने इससे पहले मिदनापुर स्थित सौरव के घर की भी तलाशी ली थी। गौरतलब है कि जांचकर्ताओं ने इससे पहले गोपीबल्लभपुर-1 प्रखंड के नयाबासन में एक रेत व्यापारी शेख जहीरुल के घर की तलाशी ली थी।

अवैध खनन कर धन गबन का आरोप बड़ी मछलियों पर
कई रेत व्यापारियों पर अवैध रूप से रेत उठाकर धन गबन करने का आरोप है। रेत की तस्करी कैसे की गई? आरोप है कि अतिरिक्त ट्रक भेजकर और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर यह रेत तस्करी की गई। जांचकर्ताओं का दावा है कि ट्रकों के नंबरों में भी भ्रष्टाचार किया गया। जांचकर्ताओं का यह भी दावा है कि रेत उठाने के लिए जिस ट्रक को रेत उठाने की अनुमति दी जा रही थी, उसका वाहन नंबर देना पड़ता था। कथित तौर पर, एक ही नंबर का इस्तेमाल करके कई ट्रकों का इस्तेमाल करके रेत की तस्करी की गई। व्यवहार में, कई मामलों में, यह प्रशासन की समझ से परे था। पहली नज़र में, यह स्वाभाविक लग रहा था। लेकिन वास्तव में उस नंबर का इस्तेमाल करके कई ट्रकों का इस्तेमाल करके रेत का यह भ्रष्टाचार किया गया था।
बालू खदानों तक पहुंची ED टीम, डंपरों-ट्रकों को बालू लोडिंग से रोका
गौरतलब है कि सौरव की झाड़ग्राम में कई रेत खदानें हैं। लालगढ़ में उसका एक विशाल बंगला और कार्यालय है। सौरव वहीं से अपना कारोबार चलाते थे। ईडी सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को सौरव के कार्यालय की तलाशी ली जा रही है।
ईडी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लालगढ़ के सिजुआ में कंसावती नदी पर स्थित एक कंपनी की रेत खदान पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारी रेत खदान कार्यालय में रेत की बिक्री के लिए कंसाइनमेंट ऑर्डर (सीओ) सहित कई दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। ईडी सूत्रों के अनुसार, फर्जी खेप बनाकर रेत की तस्करी के आरोपों के मद्देनजर जानकारी जुटाने के लिए खदान कार्यालय की गहन तलाशी ली जा रही है। गुरुवार सुबह सिजुआ स्थित रेत खदान में रेत लोड करने के लिए करीब 100 डंपर और ट्रक खड़े थे। वाहनों को रेत लोड करने से अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। रेत से लदे ट्रकों को खाली करने के लिए कहा गया था। कई ट्रक इसी तरह रेत उतारकर चले गए।
दूसरी ओर, ईडी की एक अन्य टीम ने गोपीबल्लभपुर के सुमित्रापुर में स्वर्णरेखा नदी पर स्थित एक रेत खदान पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि सुमित्रापुर स्थित रेत खदान पर छापेमारी के बाद, जांचकर्ताओं ने खदान के कार्यालय पर भी छापा मारा। बताया जा रहा है कि सुमित्रापुर स्थित रेत खदान एक ठेकेदार और रेत कारोबारी की है।
प्रशासन पर मिलीभगत का लगा आरोप
हालांकि स्थानीय लोगों का दावा है कि प्रशासन के एक वर्ग और इस घटना के बीच मिलीभगत है। बात यहीं खत्म नहीं होती, रेत उठाने के अनुमति पत्रों में क्यूआर कोड दिए गए थे। कथित तौर पर, वह क्यूआर कोड भी जाली था। केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने इस घोटाले में शामिल लोगों की जांच के लिए कई जगहों पर छापेमारी की है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कोलकाता समेत राज्य में सात जगहों पर छापेमारी की है।

9 सितंबर के अभियान में जब्त हुए थे करोड़ों रुपए
बता दें कि बीते 9 सितंबर को भी ईडी ने इसी रेत तस्करी मामले की जाँच में राज्य भर में कई जगहों पर तलाशी ली थी। उस समय एक करोड़ से अधिक जब्त किए गए थे। मिदनापुर के रेत कारोबारी सौरभ रॉय के घर से करीब 65 लाख रुपये बरामद किए गए थे। इसी अभियान में गोपीबल्लभपुर में एक अन्य व्यवसायी शेख जहीरुल अली के घर से लगभग 25 लाख रुपये बरामद किए गए। ईडी सूत्रों के अनुसार, सौरव रॉय की झारग्राम में कई रेत खदानें हैं। वह मुख्य रूप से लालगढ़ से अपना कारोबार चलाते हैं। आज सौरव रॉय के कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। इन सिलसिलेवार कार्रवाइयों को रेत तस्करी के गिरोह की जड़ों को और गहरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
चुनाव के पहले रेड से फिर गरमाई राजनीति
हालाँकि, चुनाव से पहले ईडी-सीबीआई के सक्रिय होने के प्रतिकूल परिणाम होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि तृणमूल कांग्रेस पहले भी बार-बार केंद्रीय एजेंसी पर चुनाव से पहले इसका इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही है। और इससे सत्तारूढ़ दल को राजनीतिक रूप से फायदा भी हुआ है। लोगों का जाँच एजेंसी की जाँच से विश्वास उठ गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही ईडी ने नगर निगमों में भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में सक्रियता दिखाई थी। राज्य मंत्री सुजीत बसु के साल्ट लेक स्थित कार्यालय से लेकर कई अन्य जगहों पर छापेमारी की गई थी।

कहां-कहां हो रही छापेमारी
👉 कोलकाता के बेंटिक स्ट्रीट स्थित बालू खनन करने वाली जीडी माइनिंग कंपनी के कार्यालय
👉 झाड़ग्राम के गोपीबल्लवपुर में शेख जहीरुल अली के घर-कार्यालय की तलाशी
👉 आसनसोल में मुर्गाशोल के वार्ड संख्या 41 निवासी रेत व्यापारी मनीष बगड़िया के ठिकानों पर
👉 झाड़ग्राम के लालगढ़ में रेत व्यापारी सौरव रॉय की रेत खदान पर
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