सालानपुर के बेंजमारी डालमिया क्षेत्र में पीएचई पाइपलाइन कार्य के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना ने सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे में 3 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हुआ। घटना के बाद पीएचई के चीफ इंजीनियर और प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू की।
पूर्व सांसद बंशगोपाल चौधरी ने उठाए सवाल
पूर्व सांसद बंशगोपाल चौधरी ने इस घटना को अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि यह इलाका कोलरी बेल्ट का है, जहां जमीन अस्थिर है। ऐसे में बिना जियो-टेक्निकल सर्वे और सुरक्षा उपायों के कार्य शुरू करना मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए ₹20 लाख मुआवजे और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। साथ ही दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की भी मांग की है।

सीटू ने किया विरोध, श्रमिक सुरक्षा पर सवाल
श्रमिक संगठन सीटू ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह दुर्घटना हुई। सीटू नेताओं ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से इस घटना की निष्पक्ष जांच और मजदूरों की सुरक्षा के लिए सख्त एसओपी लागू करने की मांग की है।
प्रशासन का रुख और मुआवजे का वादा
पीएचई विभाग ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। घायल मजदूर का इलाज चल रहा है और उसे हरसंभव मदद दी जा रही है। जिला प्रशासन ने कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मजदूर सुरक्षा और भविष्य की चेतावनी
यह घटना मजदूर सुरक्षा को लेकर बड़ी चेतावनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे खतरनाक इलाकों में निर्माण कार्य शुरू करने से पहले जियो-टेक्निकल सर्वे और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए।