सालानपुर, 2 दिसंबर: पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के सदस्य और पश्चिम बर्धमान जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष रणेन बागची का निधन हो गया। लंबे समय तक उन्होंने सालानपुर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में सेवा दी। उनके निधन से रूपनारायणपुर और राज्य के राजनीतिक गलियारों में गहरा शोक व्याप्त है।
रणेन बागची: जिन्होंने कांग्रेस के अलावा किसी अन्य दल की कभी नहीं सोची
अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत में रणेन बागची ने श्यामल मजूमदार के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाई थी। हालांकि, श्यामल मजूमदार बाद में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन रणेन बागची ने अपने आदर्शों के प्रति सदा निष्ठा बनाए रखी और कांग्रेस में ही बने रहे। श्यामल मजूमदार पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुके हैं।
निधन के समय की घटनाएं
जानकारी के अनुसार, 1 दिसंबर की रात रणेन बागची रूपनारायणपुर के आमडांगा स्थित अपने आवास पर अचानक बीमार पड़ गए। परिवार के सदस्यों ने तुरंत उन्हें पिठाकियारी अस्पताल पहुंचाया। वहां से डॉक्टरों ने उन्हें आसनसोल रेफर कर दिया। लेकिन आसनसोल ले जाते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस ली।
कोरोना के बाद बिगड़ता स्वास्थ्य और फेफड़ों को नुकसान
रणेन बागची लंबे समय से हृदय रोग से जूझ रहे थे। कोरोना महामारी के दौरान उनकी स्थिति और खराब हो गई। फेफड़ों के क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ अन्य शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता भी कम हो गई थी।
राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर
रणेन बागची के निधन से पश्चिम बर्धमान जिला समेत रूपनारायणपुर के राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने इस नुकसान को अपूरणीय बताया है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “रणेन दा सिर्फ नेता नहीं, हमारे अभिभावक थे। उनकी मृत्यु ने हमें एक बड़ी रिक्तता के सामने खड़ा कर दिया है।”
रणेन बागची का राजनीतिक योगदान
रणेन बागची ने सिर्फ कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के विकास, लोगों के हितों की रक्षा और सामाजिक कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सालानपुर ब्लॉक कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का साक्षी रहा।