सालनपुर में गूंजा किसानों का हुंकार, कृषक सभा के 41वें सम्मेलन में उठे बड़े मुद्दे

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किसानों की उपज का उचित मूल्य और सरकारी योजनाओं की पहुँच पर उठी आवाज़

सालनपुर, आसनसोल से रिपोर्ट

सालनपुर में रविवार को सारा भारत कृषक सभा (बामफ्रंट) का 41वां सम्मेलन धूमधाम से आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद कामरेड मदन घोष समेत सभी शहीद कामरेडों को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस मौके पर सम्मेलन स्थल “लाल झंडों” और किसान आंदोलन की गूंज से सराबोर रहा। बड़ी संख्या में किसान कार्यकर्ता और संगठन के सदस्य शामिल हुए।

किसानों की समस्याओं पर चर्चा

सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में कामरेड नेता चिन्मय रूइदास ने कहा कि आज देशभर में किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कई सरकारी योजनाएं कागज़ों तक ही सीमित हैं, जिससे किसानों का जीवन संकट में है। सम्मेलन में यह भी कहा गया कि किसानों के अधिकारों की लड़ाई को तेज करना ही समय की मांग है।

सम्मेलन का उद्देश्य

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था —

  • किसानों की समस्याओं को सामने लाना,
  • आंदोलन की नई रणनीति तैयार करना,
  • और शहीद कामरेडों के संघर्षों को याद करते हुए किसानों की आवाज़ को बुलंद करना।

संकल्प और भविष्य की राह

सम्मेलन में उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे किसानों के अधिकारों की लड़ाई को किसी भी हाल में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आज जब खेती किसानी घाटे का सौदा बन चुकी है, तब किसानों की एकता ही असली हथियार है।

कार्यक्रम के अंत में किसान कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि किसानों को उचित मूल्य, सिंचाई सुविधाएं, बीज और खाद की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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