रानीगंज/जामुड़िया : ईसीएल के कुनुस्तोड़िया एरिया अंतर्गत बांसड़ा कोलियरी में सुरक्षा व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई, जब इस भूगर्भीय खदान में डोली फंस जाने से करीब 22 मजदूर अंदर ही फंस गए। उन सभी मजदूरों की जान हलक में ही अटकी रही। हालांकि, बड़ा हादसा होते-होते टल गया। सभी मजदूरों को डेढ़ घंटे के पश्चात सकुशल सुरक्षित वापस निकाल लिया गया। घटना को लेकर कोलियरी परिसर में अफरा-तफरी के साथ ही उत्तेजना का माहौल रहा। वहीं कोलियरी की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर एक बार बड़ा सवालिया निशान लग गया है। यहां बता दें कि बांसड़ा कोलियरी कई बड़े हादसों का गवाह रह चुका है।

कोलियरी सूत्रों ने बताया कि बांसड़ा कोलियरी के सी-पिट में रोजाना की तरह सुबह की पाली में मजदूरों की टीम कोयला खनन के लिए उतर रही थी, अचानक डोली फंस जाने से 22 मजदूर डेढ़ घंटे तक खदान के अंदर अटके रहे। बिजली गुल होने के कारण यह घटना हुई। 22 मजदूर शुक्रवार सुबह 9:20 बजे से 11:00 बजे तक फंसे रहे। पता चला है कि डोली लगभग 50 फीट की गहराई पर जा चुकी थी, तभी अचानक बिजली चली गई और वे भूगर्भ से लगभग 600 फीट की ऊंचाई पर फंस गए। घटना से खदान क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। आक्रोशित श्रमिकों व ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कोलियरी अधिकारियों को घेरकर कोलियरी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। श्रमिकों का आरोप है कि ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं और उनका दावा है कि यह घटना अच्छी गुणवत्ता वाली बिजली सेवा की कमी के कारण हुई। मजदूरों ने प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। मजदूरों में भारी आक्रोश है और सुरक्षा इंतजाम को लेकर सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल प्रबंधन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

सनद रहे कि ईसीएल प्रबंधन द्वारा नियमित तौर पर सेफ्टी तंत्र को लेकर विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम किए जाते रहते हैं, लेकिन बुनियादी ढांचों की लचर व्यवस्था के कारण कोलियरी में हादसे होते रहते हैं। ईसीएल द्वारा निर्धारित लक्ष्य ‘शून्य दुर्घटना’ को हासिल करने में ऐसे हादसे बड़ी बाधक साबित होते हैं।