रानीगंज (आसनसोल): आसनसोल नगर निगम के रानीगंज इलाके में 5 साल पहले नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन (NULM) के तहत 50 बेड का ‘रैन बसेरा’ बनाया गया था। लेकिन प्रशासन की लापरवाही और लालफीताशाही के चलते यह शेल्टर हाउस आज तक चालू नहीं हो पाया। नतीजतन, ठंड के इस मौसम में गरीब लोग खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर हैं।
जनता के पैसे से बना, फिर भी बेकार पड़ा रैन बसेरा
पूर्व पार्षद आरिज जलीस ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “यह रैन बसेरा आम जनता के टैक्स के पैसों से बनाया गया था। जरूरतमंद लोगों को सर्दी और आपदा के समय सुरक्षित आश्रय देने के लिए इसे शुरू किया जाना चाहिए था, लेकिन यह 4 साल से बंद पड़ा हुआ है।”
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
आरिज जलीस ने DM से लेकर CM तक शिकायत दर्ज कराई है और इस रैन बसेरे को तुरंत चालू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इसका उपयोग नहीं करना था, तो इसे बनाया ही क्यों गया? उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की इस उदासीनता के कारण गरीब लोग ठंड में तड़प रहे हैं।
50 बेड का शेल्टर हाउस बना शोपीस
इस रैन बसेरे को आसनसोल नगर निगम, आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA) और NULM की संयुक्त योजना के तहत बनाया गया था। लेकिन पिछले 4 सालों से यह सिर्फ एक ‘बंद बिल्डिंग’ बनकर रह गया है।
आरिज जलीस ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि “रैन बसेरा तुरंत खोला जाए ताकि सर्दी में ठिठुरते गरीबों को राहत मिल सके।”
प्रशासन के खिलाफ बढ़ता गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार ने गरीबों के लिए रैन बसेरा बनाया था, तो इसे चालू न रखना “सरकारी फंड की बर्बादी” है। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जनता के टैक्स का पैसा किस लिए खर्च किया गया।
ठंड में गरीबों का संघर्ष
जाड़े की रातों में खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों की दुर्दशा देख स्थानीय लोगों में रोष है। प्रशासन से जल्द से जल्द रैन बसेरा को शुरू करने की मांग की जा रही है।