पश्चिम बर्धमान / रानीगंज।
धसान प्रभावित इलाकों के हजारों परिवारों के लिए राहत की खबर है। रानीगंज मास्टर प्लान को लेकर शनिवार को सर्किट हाउस में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें पुनर्वास प्रक्रिया को गति देने पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इस बैठक की अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट एस. पोन्नबलम ने की। बैठक में राज्य के कानून मंत्री मलय घटक, रानीगंज विधायक तापस बनर्जी, जमुरिया विधायक हरे राम सिंह, पांडेश्वर विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती, और आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA) के चेयरमैन कवि दत्ता सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के बाद डीएम एस. पोन्नबलम ने बताया कि रानीगंज और आस-पास के धसान प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अंडाल क्षेत्र के दक्षिण खंड में करीब 4,000 फ्लैट तैयार हैं, जिन्हें पुनर्वास के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
डीएम ने बताया, “पुनर्वास के लिए नई नीति तैयार कर ली गई है, जिसे उद्योग विभाग के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। अनुमोदन मिलते ही पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि जमुरिया में पहले से बने फ्लैटों की प्रक्रिया में जो विलंब हुआ था, वह अब समाप्त हो गया है।
“टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब बहुत जल्द धसान पीड़ित परिवारों के पुनर्वास का कार्य शुरू होगा,” — डीएम ने कहा।
सूत्रों के अनुसार, प्रशासन की प्राथमिकता अब यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी परिवार को विस्थापन की स्थिति में असुविधा न हो। प्रत्येक लाभार्थी को वैकल्पिक आवास, बुनियादी सुविधाएँ और पुनर्वास के बाद सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया जा रहा है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पुनर्वास क्षेत्रों में सड़क, जलनिकासी, बिजली और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता के साथ विकसित किया जाएगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस योजना को लेकर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह कदम रानीगंज क्षेत्र में स्थायी समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित होगी।