रानीगंज में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत पर जनसैलाब, भव्य जुलूस और विशाल लंगर

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रानीगंज।
सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत दिवस पर रानीगंज में आज अभूतपूर्व श्रद्धांजलि सभा और धर्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
रानीगंज के शिशु बागान मैदान में सिख वेलफेयर सोसाइटी आसनसोल और आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त प्रयास से विशाल रक्तदान शिविर, धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन, और लंगर का आयोजन किया गया।

🌟 भव्य जुलूस में क्षेत्र के हर धर्म के लोग शामिल

सुबह से ही मैदान में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। सिख समाज के साथ-साथ हिंदू, मुस्लिम, जैन और अन्य धर्मों के लोग भी भारी संख्या में पहुंचे, जो आयोजन की सद्भावना और एकता का प्रतीक बना।

शिशु बागान मैदान से निकला शोभायात्रा/नगर कीर्तन रानीगंज के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए खरसुली बाजार स्थित गुरुद्वारा साहिब जाकर संपन्न हुआ। पूरे रास्ते ढोल-नगाड़ों, कीर्तन, फूल वर्षा और “जो बोले सो निहाल” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।

🩸 रक्तदान शिविर में युवाओं की भारी भागीदारी

सिख वेलफेयर सोसाइटी द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर में सैकड़ों लोगों ने रक्तदान किया, जिसमें युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।
आयोजकों का कहना है कि गुरु तेग बहादुर सिंह जी की मानवता और बलिदान की प्रेरणा से ही लोगों में सेवा की भावना दिखाई देती है।

🍛 विशाल लंगर में उमड़े सैकड़ों श्रद्धालु

दोपहर में शिशु बागान मैदान में विशाल लंगर का आयोजन किया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
लंगर सेवा में महिला–पुरुष, युवा–वृद्ध सभी ने मिलकर सेवा की, जिससे मैदान का माहौल पूरी तरह से श्रद्धा और भक्ति से भर गया।

🎤 विधायक तापस बनर्जी और कई गणमान्य हस्तियां हुईं उपस्थित

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कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियां—

  • रानीगंज विधायक तापस बनर्जी
  • बोरो चेयरमैन मुजम्मिल शहजादा
  • रानीगंज टाउन टीएमसी अध्यक्ष ज्योति सिंह
  • भाजपा से आशा शर्मा और दिनेश सोनी

विधायक तापस बनर्जी ने कहा—
“गुरु तेग बहादुर जी ने जिन आदर्शों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, उनकी प्रासंगिकता आज भी अमर है। हर व्यक्ति को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।”

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि
“आज सिर्फ रानीगंज ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र से अलग-अलग धर्म के लोग गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि देने आए हैं। यह आपसी एकता का प्रतीक है।”

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