👉 फॉर्च्यून के टिनबॉक्स में लोकल क्वालिटी का तेल भरकर बेचा जा रहा था बाजार में
👉 रेड में नकली तेल से भरे गए 102 टिनबॉक्स जब्त, लेकिन मिल मालिक फरार
रानीगंज : नकली खाद्य सामग्री और प्रसाधन-सौंदर्य सामग्री बनाने और बेचने के लिए कुख्यात रानीगंज शहर में अब नकली सरसों तेल के खेल का पर्दाफाश हुआ है। मामला शहर के बीचों-बीच गिर्जा पाड़ा इलाके का है। यहां एक प्रसिद्ध तेल मिल है, जहां नामी कंपनी फॉर्च्यून के टिनबॉक्स में लोकल क्वालिटी का तेल भरकर बाजार में बेचा जा रहा था। शुक्रवार की देर रात को की गई पुलिसिया कार्रवाई में इस खेल का भंडाफोड़ हुआ है। मामले को लेकर शहर में उत्तेजना के साथ-साथ चर्चा का बाजार गर्म है।
🔹खुलासा- टिनबॉक्स फॉर्च्यून का, लेकिन तेल लोकल क्वालिटी का
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात को आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के रानीगंज थाने की पुलिस ने अडानी विल्मर ग्रुप की लीगल टीम के साथ मिलकर गिर्जा पाड़ा स्थित मोदी ऑयल मिल पर अचानक दबिश दी। छापेमारी में करीब 102 टिन फॉर्च्यून कंपनी का सरसों का तेल जब्त किया गया। रेड में जो चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, वो यह है कि- टिनबॉक्स तो असल में फॉर्च्यून ब्रांड के थे, लेकिन इनमें भरा गया तेल लोकल क्वालिटी का था, जिसे फॉर्च्यून कंपनी का बताकर बाजार में खपाया जा रहा था। रेड के दौरान मिल मालिक विनोद मोदी मौके से फरार हो गया। यहां बता दें कि फॉर्च्यून ब्रांड ऑयल की निर्माता कंपनी अडानी विल्मर ग्रुप है। कंपनी को काफी दिनों से इस खेल की शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद कंपनी ने पुलिस से आवश्यक कार्रवाई की गुहार लगाई थी। इसी आधार पर योजना बनाकर रानीगंज पुलिस ने कंपनी की कानूनी टीम को साथ लेकर रेड डाली। टीम ने स्थानीय बाजार में तलाशी लेने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद रानीगंज थाने के इंस्पेक्टर बिकाश दत्ता के निर्देश पर सब-इंस्पेक्टर एमडी परवेज के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया।। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

🔹क्या कहना है अडानी ग्रुप के लीगल टीम का?
अडानी ग्रुप के लीगल टीम के सदस्यों का दावा है कि मिल में फॉर्च्यून के दो ब्रांड के तेल के टिन का इस्तेमाल कर उसमें नकली तेल भरा जाता था। इससे उपभोक्ता आसानी से इसे असली समझकर खरीद लेते थे। यह पूरी प्रक्रिया अवैध और कानून के खिलाफ है। अडानी विल्मर ने कहा है कि कंपनी नकली उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।
🔹आम जनता की सेहत से खुलेआम खिलवाड़
अब सवाल उठ रहा है कि इन टिनों में भरा तेल मिलावटी तो नहीं? और क्या यह खाने योग्य है? इसकी जांच विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। रानीगंज क्षेत्र में मिलावटी तेल का कारोबार फल-फूल रहा है। कई बार अभियान चलने के बाद भी किसी अज्ञात कारण से सब कुछ सामान्य हो जाता है। इसी के परदे में कई असहाय लोग जहरीला तेल खाने को मजबूर हो जाते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन क्या कदम उठाता है। इस घटना ने आम लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हम जो तेल खरीद रहे हैं, वह असली तो है? और आखिर आम लोग इस असली-नकली के खेल का फर्क कैसे समझे? CITY TODAY NEWS NETWORK आम लोगों से यही अपील करता है कि किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री की खरीदारी से पहले सावधान रहें। हो सकता है कि आप अनजाने में नकली या मिलावटी खाद्य पदार्थ खरीदकर अपनी सेहत को खतरे में डाल रहे हों।
🔹पुलिस-प्रशासन को नहीं लगती भनक, खूब चलता है मिलावट का खेल
रानीगंज शहर के आस-पास सटे कई इलाकों में मिलावट का खेल खूब धड़ल्ले से चलता है। कई बार के अभियानों में बड़ी मात्रा में सामाग्रियां भी जब्त होती रही हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से फिर सब कुछ सामान्य हो जाता है। रानीगंज के रोनाई इलाके से इससे पहले नकली सौंदर्य सामग्री बनाने का भी खुलासा हो चुका है। ब्यूटी-कॉस्मेटिक्स के साथ-साथ साबुन और सर्फ के नकली उत्पाद बनाकर उसपर असली लेबल लगाकर बाजार में खपाया जाता है। पोस्तू से लेकर मिलावटी सरसों तेल बाजार में छा चुके हैं। नामी कंपनियों के लेबल लगाकर लोकल स्तर पर तैयार किए गए उत्पादों को बड़ी आसानी से खपाया जाता है, इस चक्कर में गोरखधंधे से जुड़े लोग तो मालामाल हो रहे हैं, लेकिन आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ती है। सबसे हैरत कि बात है कि रानीगंज थाना इस शहर के बीच में है, लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगती। गिर्जा पाड़ा में न केवल रात में बल्कि दिन में भी पुलिस की पेट्रोलिंग वैन हमेशा खड़ी रहती है, लेकिन उसी इलाके में इतना बड़ा खेल चल रहा था। जिला खाद्य विभाग की टीम हो, इन्फोर्समेंट ब्रांच हो या फिर नगर निगम के खाद्य विभाग की टीम को भी बाजारों का दौरा करते अपेक्षाकृत कम ही देखा जाता है। कुल मिलाकर पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठाकर इन गोरखधंधों को आसानी से अंजाम दिया जा रहा है। रानीगंज कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन और सुभाष-स्वदेश भावना नामक एनजीओ के अध्यक्ष गोपाल आचार्या ने कहा कि रानीगंज के ऐतिहासिक महत्व को नष्ट करने के साथ ही अपराधमूलक गतिविधियां दैनंदिन बढ़ती जा रही है। प्रशासनिक सेवा इस शहर में आकर लुप्तप्राय हो जाती है। रानीगंज अब केवल नाम का शहर रह गया है। ऐसे गोरखधंधों को संचालित करने वालों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में एक बेहतर संदेश दिया जा सके। इससे ऐसे गलत कार्यों से जुड़े लोगों में दहशत व्याप्त होगा, जो काफी जरूरी है। वहीं, दूसरी ओर आम लोगों का आरोप है कि बगैर मिलीभगत व संरक्षण के इस तरह के गोरखधंधे संचालित करना आसान नहीं है।

जब्त किए गए नकली तेल से भरे फॉर्च्यून के असली टिनबॉक्स

















