‘तीसरी आंख’ की जद में रानीगंज शहर, चप्पे-चप्पे पर डिजिटल पहरेदारी

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👉 लगाए गए 130 CC कैमरे, थाने में खुला कंट्रोल रूम, बनाई गई स्पेशल मॉनिटरिंग टीम

👉 रानीगंज विधायक तापस बनर्जी और पुलिस आयुक्त सुनील चौधरी की मौजूदगी में उद्घाटन

रानीगंज : अपनी ऐतिहसिक विरासत व समृद्धियां समेटे रानीगंज शहर की सुरक्षा व्यवस्था अब चाक-चौबंद हो चुकी है। यह शहर अब पूरी तरह से तीसरी आंख की जद में आ गई है। या यू कहें तो अब अपराध करने वाले अपराधी पुलिस की पैनी नजर से बच नहीं पाएंगे। ऐसे में किसी भी घटना में पुलिस के लिए सुराग जुटाने में भी आसानी होगी। पूरे टाउन के चप्पे-चप्पे पर डिजिटल पहरेदारी की व्यवस्था की गई है।

शहर भर में कुल 130 सीसी कैमरे लग चुके है। इनमें 60 कैमरे पुलिस की ओर से लगाए गए हैं, जबकि 70 कैमरे रानीगंज के विधायक फंड से निर्गत 15 लाख रुपए से लगे हैं। ऐसे में अब इन कैमरों की नजर में पूरा शहर रहेगा। सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम रानीगंज थाना परिसर में ही खोला गया है, इसके नियमित मॉनिटरिंग के लिए एक स्पेशल टीम भी बनाई गई है।

सोमवार को पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी और रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी के नेतृत्व में इसका औपचारिक उद्घाटन फीता काटकर और शिलापट्ट् का अनावरण कर किया गया। इस दौरान डीसीपी (सेंट्रल) ध्रुव दास भी मौजूद रहे। सीपी-विधायक ने मिलकर कंट्रोल रूम का दौरा भी किया।

CP सुनील कुमार चौधरी ने कहा- ”सीसीटीवी कैमरे लगाने से रानीगंज शहर की सुरक्षा काफी हद तक मजबूत होगी। इससे समस्याओं का त्वरित समाधान और पुलिस कार्रवाई में काफी सुविधा होगी। खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष नजर रखी जा सकेगी।”

TMC MLA तापस बनर्जी ने कहा- ”शहर को डिजिटल नेटवर्क से कवर करने का प्रस्ताव मिलने के बाद उन्होंने इस विषय को राज्य स्तर पर उठाया, जिसके फलस्वरूप विधायक विकास निधि से राशि स्वीकृत हुई और पहले चरण में 70 कैमरे लगाए गए।”

CP की मौजूदगी में थानेदार ने MLA को बताया CCTV का फायदा

कार्यक्रम के दौरान सीपी और विधायक जब कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर रहे थे, उस समय रानीगंज के थानेदार विकास दत्ता ने एक वाकया सुनाते हुए विधायक को सीसीटीवी लगाने का फायदा भी बताया। थानेदार ने बताया कि दो माह पहले हुई चोरी के मामले में अपराधी पकड़ से बाहर थे। सीपी सर मुझसे तीन बार स्टेटस रिपोर्ट मांग चुके थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। इसी बीच सीसीटीवी फुटेज से उन्हें अपराधियों का सुराग मिला। फिर अशोक नगर से क्रिमिनल और रिसीवर दोनों को दबोचा गया।

यहां बता दें कि अति-प्राचीन इस शहर में दर्जनों स्कूल, दो विख्यात कॉलेज, कई अस्पताल व नर्सिंग होम तथा बड़ी संख्या में निजी शिक्षण संस्थान है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं का आना-जाना लगा रहता है। दक्षिण बंगाल की सबसे बड़ी व्यावसायिक मंडियों में यह शहर शुमार है। आभूषणों की ही तीन दर्जन से अधिक दुकानें हैं। कोई ऐसा बैंक नहीं, जिसकी शाखाएं इस शहर में मौजूद नहीं हो। कई बड़े मॉल, सिनेमा हॉल, मंदिर से लेकर होटल-रेस्टोरेंट मौजूद है। ऐसे में इस शहर पर दबाव काफी ज्यादा है। दिनभर भीड़ रहती है। दूसरे जिलों से भी लोग यहां खरीद-बिक्री को आते-जाते हैं। ऐसे में शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग भी थी। रानीगंज में दिन-दहाड़े अपराधों का इतिहास काफी पुराना और बड़ा है। ऐसे में आशा जताई जा रही है कि शहर में सीसी कैमरे लगाए जाने का पूरा फायदा यहां की जनता को मिलेगा। अपराध नियंत्रित होंगे। अपराधियों को ट्रैक करने में सहूलियत होगी।

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